हाईटेक घोटाले का पर्दाफाश,गिरफ्तार हुआ मास्टरमाइंड
हाईटेक घोटाले का पर्दाफाश,गिरफ्तार हुआ मास्टरमाइं ट्रेनों के लिए तत्काल टिकट मिलने में हो रही असुविधा के पीछे बड़े घोटाले का पर्दाफाश हुआ है। सॉफ्टवेयर के सहारे तत्काल टिकटों की एक साथ बुकिंग के कारण मिनटों में टिकट खत्म हो जाया करते थे। सीबीआइ ने अपने इस प्रोग्रामर को गिरफ्तार कर लिया है। इस हाईटेक घोटाले में सॉफ्टवेयर, सीबीआइ के ही असिस्टेंट प्रोग्रामर अजय गर्ग ने बनाया था. ही अजय गर्ग एक-एक टिकट की जानकारी रखता था और उसी के हिसाब से अपना कमीशन लेता था। सीबीआइ के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार गर्ग अपना हिस्सा भी हाईटेक अंदाज में लेता था। सीबीआइ को अभी तक मिली जानकारी के मुताबिक अजय गर्ग का यह खेल पिछले एक साल से जारी था। वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि यूपीएससी के मार्फत सीबीआइ में आने के पहले अजय गर्ग आइआरसीटीसी में प्रोग्रामर था। आइआरसीटीसी में 2007 से 2011 के बीच नौकरी करते हुए उसने उसकी वेबसाइट की खामियों को पहचाना और नया सॉफ्टवेयर बनाकर उसे कमाई की साजिश में जुट गया।एफआइआर दर्ज करने के साथ ही सीबीआइ अजय गर्ग और अनिल कुमार गुप्ता को गिरफ्तार कर लिया है। अजय गर्ग को साकेत की विशेष अदालत ने पांच दिन के लिए सीबीआइ की रिमांड पर भेज दिया है, जहां उससे पूछताछ हो रही है। वहीं जौनपुर में गिरफ्तार किये गए अनिल कुमार गुप्ता को ट्रांजिट रिमांड पर दिल्ली लाया जा रहा है।
गिरफ्तारी के साथ ही सीबीआइ ने सबूत जुटाने के लिए दिल्ली, मुंबई और जौनपुर में 14 स्थानों पर छापा मारा। छापे में 89 लाख रुपये नकद, 61 लाख रुपये सोने की ज्वेलरी, 15 हार्डडिस्क, 52 मोबाइल फोन, 24 सिम कार्ड 10 नोटबुक, छह रॉउटर, चार डोंगल, 19 पेन ड्राइव और अन्य दस्तावेज बरामद किया गया है।