गुरू का स्थान नहीं ले सकता गूगल- श्री वेंकैया नायडू
उपराष्ट्रपति श्री वेंकैया नायडू ने कहा है कि गूगल कभी भी गुरू का स्थान नहीं ले सकता। वे ओडिशा में भुवनेश्वर में स्थित कलिंगा इंस्टिट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी युनिवर्सिटी के 13वें वार्षिक दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे। ओड़िशा के राज्यपाल एस.सी. जमीर और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि शिक्षा की प्रक्रिया कक्षाओं, खेल मैदानों, घर, इंटरनेट के माध्यम और मीडिया तथा अपने आसपास के लोगों के साथ बातचीत के साथ चलती रहती है। उन्होंने कहा कि सभी औपचारिक और अनौपचारिक तौर-तरीके हमें शिक्षित करने में अपना योगदान देते हैं। श्री नायडू ने कहा कि आज के ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था के दौर में नए कौशल और नवीन ज्ञान को प्राप्त करना बेहद महत्तवपूर्ण है।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि अपनी क्षमताओं और ज्ञान में वृद्धि तथा तेजी से बदल रहे कामकाज के तौर-तरीकों के हिसाब से स्वयं को ढालना बेहद जरूरी हो गया है। उन्होंने छात्रों को कुछ नया और अलग तरह से सोचने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि आज पहले की तुलना में सूचना और ज्ञान के ज्यादा संसाधन मौजूद हैं, छात्रों को इनका सटीक इस्तेमाल करना चाहिए और अपने-अपने क्षेत्रों में सर्वश्रेष्ठ बनने का प्रयास करना चाहिए।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि नए विचारों का सृजन, नए विचारों को अपनाना और उसके अनुसार स्वयं को ढालना भारत की ताकत रही है और इस मार्ग को अपनाकर हमें अपनी मातृभूमि के गौरव को बढ़ाना होगा।