गोयल ने आईटीओ के व्यस्त चैक पर ‘प्रदूषण की जिम्मेदार केजरीवाल सरकार’ का बोर्ड लगया
गोयल ने आईटीओ के व्यस्त चैक पर ‘प्रदूषण की जिम्मेदार केजरीवाल सरकार’ का बोर्ड हाथ में लिए ऑड-ईवन की विफलताओं को किया उजागर
नई दिल्ली 14 नवम्बर, 2019: केजरीवाल सरकार के ऑड-ईवन को महज एक नाटक और चुनावी स्टंट बताते हुए सांसद एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री विजय गोयल ने दिल्ली में आईटीओ के व्यस्त चैक पर हाथ में बोर्ड पकड़े केजरीवाल सरकार के खिलाफ रोश व्यक्त किया। बोर्ड पर लिखा हुआ था, ‘प्रदूषण की जिम्मेदार केजरीवाल सरकार, ऑड-ईवन है बेकार।’ चैक के चारों तरफ सैंकड़ों लोग गोयल के साथ प्रदूषण के खिलाफ तख्तियां लिए हुए खड़े थे। लोगों ने रास्ते में गाड़ियां रोक-रोक कर गोयल को कहा कि ऑड-ईवन के नाम पर परेशान किया जा रहा है। सरकार खुद तो कुछ कर नहीं रही, हमें परेशान कर रही है।
गोयल ने कहा, केजरीवाल सरकार न प्रदूषण को और न ऑड-ईवन को गंभीरता से ले रही है।
– बार-बार पराली-पराली जो चिल्ला रहे हैं, उनसे पूछो यदि पराली से प्रदूषण है तो ऑड-ईवन का क्या फायदा ?
– दो दिन ऑड-ईवन करते हैं और दो दिन आॅड-ईवन बंद कर देते हैं तो ऑड-ईवन का कोई लाभ है ?
– 70 फीसदी वाहन जो प्रदूषण फैलाते हैं, उनको जब इसमें इजाजत है तो केवल कुछ कारें बंद करने से क्या प्रदूषण में कमी आएगी ?
गोयल ने कहा कि दरअसल तो ऑड-ईवन एक बड़ा नाटक है जिसमें करोड़ों रूपए विज्ञापनों पर अपना चेहरा चमकाने के लिए फूंके जा रहे हैं। ऑड-ईवन के नाम पर हजारों वालियंटर्स रख दिए गए हैं। टेलीविजन, रेडियो पर अपना प्रचार-प्रसार हो रहा है। दिल्ली तो फिर भी गैस का चैम्बर बनी हुई है।
गोयल ने कहा कि केजरीवाल सरकार ने खुद तो जिन 90 फीसदी कारणों से प्रदूषण होता है, उस पर कुछ काम नहीं किया पर दिल्ली की जनता को 5 दिन के इस ऑड-ईवन में झोंक कर वे समझते हैं कि वे यह संदेश दे देंगे कि प्रदूषण को लेकर वो चिंतित हैं, तो ये उनकी बहुत बड़ी गलतफहमी है।
गोयल ने कहा कि केजरीवाल सरकार ने दिल्ली को गैस का चैम्बर बना दिया है, इसलिए उनको अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए, नहीं तो दिल्ली की जनता केजरीवाल के खिलाफ खड़ी हो जाएगी।
सुप्रीम कोर्ट तक ने गंभीर सवाल ऑड-ईवन को लेकर उठाए हैं। यहां तक कि पिछली बार 2016-17 में जब ऑड-ईवन हुआ था, उसकी भी रिपोर्ट मांगी है कि क्या तब इसका कोई लाभ हुआ था।
गोयल ने कहा कि पिछली बार के ऑड-ईवन पर सीपीसीबी, सफर और डीपीसीसी सभी संस्थाओं की रिपोर्ट यह थी कि ऑड-ईवन से कोई फायदा नहीं हुआ और अब सुप्रीम कोर्ट ने यह भी गंभीर टिप्पणी की कि कारों से कम प्रदूषण होता है, उन पर तो प्रतिबंध लगा रहे हैं, पर टूव्हिलर, थ्रीव्हिलर जिनसे सबसे ज्यादा प्रदूषण होता है, उनको आपने छूट दी है। तो कहीं न कहीं केजरीवाल सरकार प्रदूषण पर गंभीर नहीं है।
गोयल ने आरडब्ल्यूए, ट्रेडर्स अस्सोसिएशनों से अपील की है कि वे अपने-अपने तरीकों से प्रदूषण कैसे कम हो, इस पर काम करे और जनता को बताएं कि केजरीवाल कैसे ऑड-ईवन का नाटक कर रहे हैं।