गोरखपुर-फूलपुर : हार के बाद BJP में शुरू आत्म-मंथन,5 सीटों पर चुनाव अभी बाकी
गोरखपुर-फूलपुर उपचुनाव में बीजेपी को मिली हार के बाद उत्तर प्रदेश के सीएम योगी और पार्टी ने हार की वजहों को जानने के लिए अपने-अपने स्तर पर आत्म-मंथन की शुरूआत कर दी है । 2014 के बाद से अब तक कुल 19 लोकसभा उपचुनाव हुए हैं। इनमें से बीजेपी का आठ सीटों पर कब्जा था। इस दौरान पार्टी केवल वड़ोदरा और शहडोल सीटों को बचाने में कामयाब रही, जबकि बाकी छह सीटों पर उसे हार का सामना करना पड़ा।
गोरखपुर और फूलपुर उपचुनावों में हारने के बाद लोकसभा में बीजेपी सांसदों की संख्या घटकर 273 रह गई है। जबकि 2014 आम चुनावों में बीजेपी ने अपने दम पर 282 लोकसभा सीटें जीती थीं। उसके बाद हुए उपचुनावों में कई सीटें हारने के बाद बीजेपी के पास अब 273 सीटें बची हैं। बहुमत का जादुई आंकड़ा हालांकि 272 सीटों का है। ऐसे में अब बीजेपी के पास बहुमत से एक ही सीट ज्यादा हैं। हालांकि बीजेपी के नेतृत्व में एनडीए के पास 300 से भी ज्यादा सीटें हैं। इस लिहाज से सरकार पर किसी प्रकार का कोई खतरा नहीं है।
लोकसभा का गणित
लोकसभा में कुल 545 सदस्य हैं, जिनमें से दो एंग्लो-इंडियन समुदाय के नामित सदस्य भी शामिल हैं. इस वक्त स्पीकर, 2 नामित सदस्यों को मिलाकर कुल संख्याबल 540 है। जबिक पांच सीटें खाली हैं। बीजेपी के पास 273 और उसके सहयोगियों के पास 51 सीटें हैं। सहयोगी दलों में से शिवसेना (18), टीडीपी (16), लोजपा (6), शिअद (4), रालोसपा (3), अपना दल (2), जदयू (2) हैं। इस प्रकार बीजेपी के नेतृत्व में एनडीए के लोकसभा में 324 सदस्य हैं।
अभी 5 सीटों पर होने हैं उपचुनाव
इसके अतिरिक्त पांच लोकसभा सीटें रिक्त होने के कारण उन पर अब उपचुनाव होने हैं, जिनमें से तीन सीटें बीजेपी के खाते में थीं। यानी कैराना (यूपी), भंडारा-गोंदिया और पालघर(महाराष्ट्र) सीटों पर बीजेपी का कब्जा था। अभी इन सीटों पर चुनाव की तारीखें घोषित नहीं हुई हैं। कैराना सीट बीजेपी सांसद हुकुम सिंह के निधन के कारण खाली हुई है। भंडारा-गोंदिया से बीजेपी सांसद नानाभाऊ पटोले ने पिछले साल बीजेपी छोड़कर कांग्रेस का दामन थाम लिया। लिहाजा उन्होंने बीजेपी और संसद सदस्यता से इस्तीफा दे दिया । पालघर से बीजेपी सांसद चिंतामणि वनागा के इसी जनवरी में निधन होने के कारण सीट खाली हुई है।