खुशखबरी: छात्र अब हिंदी में भी दे सकेंगे जेईई और नीट का मॉक टेस्ट, शिक्षा मंत्री ने ट्वीट कर दी जानकारी ।
खुशखबरी: छात्र अब हिंदी में भी दे सकेंगे जेईई और नीट का मॉक टेस्ट, शिक्षा मंत्री ने ट्वीट कर दी जानकारी ।
नई दिल्ली केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने रविवार को नेशनल टेस्ट अभ्यास (एनटीए) एप का हिंदी संस्करण लांच किया। यह एप राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) द्वारा निर्मित किया गया है। इसके द्वारा छात्र नीट, जेईई और जेईई मेन की तैयारी घर पर ही कर सकते हैं।एक महीने पहले ही एनटीए का अंग्रेजी संस्करण लांच किया गया था। अब तक लगभग 9.56 लाख से अधिक छात्रों ने इसे डाउनलोड किया है और लगभग 16.5 लाख छात्रों ने मॉक टेस्ट दिया है। एनटीए एप के हिंदी संस्करण के लांच के अवसर पर निशंक ने कहा, “हर वर्ष बड़ी संख्या में विद्यार्थी जेईई (मेन), नीट एवं अन्य प्रतियोगी परीक्षाएं देते हैं जिनमें से बहुत सारे निजी कोचिंग संस्थाओं तक नहीं जा पाते हैं। उनकी जरूरतों को ध्यान में रखते हुए हमने यह आर्टिफिशल इंटेलिजेंस पर आधारित एप का अंग्रेजी संस्करण एक महीने पहले लांच किया था।
मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि आज @DG_NTA द्वारा एक और बेहतरीन पहल की गई है, “नेशनल टेस्ट अभ्यास” ऐप में अब अंग्रेजी के साथ-साथ हिंदी के पेपर्स भी सम्मिलित किये गए हैं।
छात्र काफी समय से हिंदी में पेपर्स की मांग कर रहे थे। यह कदम छात्रों की मांग को देखते हुए उठाया गया है।
उन्होंने कहा हमें इस बात की जानकारी थी कि इसके बाद भी बहुत से छात्रों की जरूरतें अधूरी रह जाएंगी क्योंकि जरूरी नहीं सबको अंग्रेजी भाषा का ज्ञान अच्छी तरह से हो। ऐसे छात्रों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए आज हमने इसका हिंदी संस्करण भी लांच किया है। अब इस एप के माध्यम से ज्यादा से ज्यादा छात्र लाभान्वित होंगे।”इस एप के लेटेस्ट वर्जन में ‘नेविगेशन, परीक्षा, अनुदेश, टेस्ट पेपर और उसका विश्लेषण’ हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में देखा जा सकता है। छात्र अपने स्मार्ट फोन या टेबलेट पर एप डाउनलोड करने के बाद इसमें साईन आफ करना होगा और उसके बाद वो उपनी पसंद की भाषा चुन कर इसका उपयोग कर सकते हैं। निशंक ने कहा कि जिस तरह से अभी अंग्रेजी भाषा में एनटीए प्रतिदिन एक पेपर भेजता है, उसी तरह हिंदी के लिए भी रोज एक नया पेपर उपलब्ध होगा। पेपर देते समय छात्रों को अपने स्मार्ट फोन को ‘फ्लाइट मोड’ पर करना पड़ेगा और पेपर खत्म होने के बाद, उसका विश्लेषण देखने के लिए ऑनलाइन आना होगा।अभी ये एप एंड्राइड पर उपलब्ध है और जल्द ही ये आईओएस पर भी उपलब्ध होगा। छात्र ये एप गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड कर सकते हैं। इस एप पर उपलब्ध टेस्ट को देने के बाद छात्र तुरंत ही अपनी तैयारियों का मूल्यांकन कर सकते हैं क्योंकि तुरंत ही उन्हें प्राप्तांक और विषयवार मिले अंक पता चल जायेंगे, सभी प्रश्नों के जवाब के साथ साथ उनका विवरण और उसके पीछे के तर्क को भी समझ सकेंगे और छात्रों ने एक विषय में कितना समय लगाया है ये भी पता लग जायेगा।
मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि आज @DG_NTA द्वारा एक और बेहतरीन पहल की गई है, “नेशनल टेस्ट अभ्यास” ऐप में अब अंग्रेजी के साथ-साथ हिंदी के पेपर्स भी सम्मिलित किये गए हैं।
छात्र काफी समय से हिंदी में पेपर्स की मांग कर रहे थे। यह कदम छात्रों की मांग को देखते हुए उठाया गया है।
उन्होंने कहा हमें इस बात की जानकारी थी कि इसके बाद भी बहुत से छात्रों की जरूरतें अधूरी रह जाएंगी क्योंकि जरूरी नहीं सबको अंग्रेजी भाषा का ज्ञान अच्छी तरह से हो। ऐसे छात्रों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए आज हमने इसका हिंदी संस्करण भी लांच किया है। अब इस एप के माध्यम से ज्यादा से ज्यादा छात्र लाभान्वित होंगे।”इस एप के लेटेस्ट वर्जन में ‘नेविगेशन, परीक्षा, अनुदेश, टेस्ट पेपर और उसका विश्लेषण’ हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में देखा जा सकता है। छात्र अपने स्मार्ट फोन या टेबलेट पर एप डाउनलोड करने के बाद इसमें साईन आफ करना होगा और उसके बाद वो उपनी पसंद की भाषा चुन कर इसका उपयोग कर सकते हैं। निशंक ने कहा कि जिस तरह से अभी अंग्रेजी भाषा में एनटीए प्रतिदिन एक पेपर भेजता है, उसी तरह हिंदी के लिए भी रोज एक नया पेपर उपलब्ध होगा। पेपर देते समय छात्रों को अपने स्मार्ट फोन को ‘फ्लाइट मोड’ पर करना पड़ेगा और पेपर खत्म होने के बाद, उसका विश्लेषण देखने के लिए ऑनलाइन आना होगा।अभी ये एप एंड्राइड पर उपलब्ध है और जल्द ही ये आईओएस पर भी उपलब्ध होगा। छात्र ये एप गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड कर सकते हैं। इस एप पर उपलब्ध टेस्ट को देने के बाद छात्र तुरंत ही अपनी तैयारियों का मूल्यांकन कर सकते हैं क्योंकि तुरंत ही उन्हें प्राप्तांक और विषयवार मिले अंक पता चल जायेंगे, सभी प्रश्नों के जवाब के साथ साथ उनका विवरण और उसके पीछे के तर्क को भी समझ सकेंगे और छात्रों ने एक विषय में कितना समय लगाया है ये भी पता लग जायेगा।
राघवेन्द्र सिंह आल राईट न्यूज़ लखनऊ