कोरोना घर को जाओ – इंद्र देव त्रिवेदी

दुनिया को ना तड़पाओ.
कोरोना घर को जाओ.
मौत बांटते रहते हो,
बोलो किसके कहने से.
खौफज़दा है मानवता,
तेरे भू पर रहने से.
अपना काला मुंंह करके,
और रात ना गहराओ.
कोरोना घर को जाओ……….

वैक्सीन के ये सब बम,
तेरे चिथड़े कर देंगे.
तेरी क्रूर सर्जरी कर,
टुकड़े- टुकड़े कर देंगे.
तुझको है आदेश यही,
काल नहीं अब बरसाओ.
कोरोना घर को जाओ…………..
कभी एक दिन आयेगा,
भीख प्राण की मांगेगा.
सिर पर रखकर पैर यहां,
तू धरती से भागेगा.
खूब फजीहत पाई है,
और नहीं तुम करवाओ.
कोरोना घर को जाओ…………..
डटे हुये हैं वैज्ञानिक,
तुझको मात दिलाने की.
कर ली है सब तैयारी,
जालों में उलझाने की.
लानत दुनिया डाल रही ,
अब तो थोड़ा शरमाओ.
कोरोना घर को जाओ…………..
-+-+-+-+-+-+-+-+-+-+-+-+-+-+-+
-214, बिहारी पुर खत्रियान, बरेली ( उत्तर प्रदेश ) 243003

 

 

बरेली से निर्भय सक्सेना की रिपोर्ट !

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