Delhi News : गाजियाबाद का मसूरी इलाका में एक परिवार में 5 मौतें
एक परिवार, 5 मौतें और काली टेप की पहेली
गाजियाबाद के मसूरी में जब एक घर से पांच लाशें मिली तो हर कोई सन्न रह गया. ये इत्तेफाक ही है कि आज से ठीक एक साल पहले दिल्ली के बुराड़ी में भी एक ही परिवार के 11 लोगों की मौत से पूरा देश दहल गया था.
पहले दिल्ली का महरौली, फिर हरियाणा का गुरुग्राम और अब यूपी का गाजियाबाद जिला. महज एक माह में तीन परिवार एक ही तरह से तबाह हो गए. सबने खुद मौत को गले लगाया. जिन लोगों की जान गई, उनमें मासूम बच्चे भी शामिल हैं, जिन्हें मौत का मतलब भी ठीक से नहीं पता था. गाजियाबाद के मसूरी में जब शुक्रवार को एक घर से एक बाद एक पांच लाशें मिलीं तो हर कोई सन्न रह गया. ये इत्तेफाक ही है कि आज से ठीक एक साल पहले दिल्ली के बुराड़ी में भी एक ही परिवार के 11 लोगों की मौत से पूरा देश दहल गया था. उन सबकी लाशें उनके घर में फांसी के फंदों पर झूलती हुई मिली थीं.
मौत की पहेली
गाजियाबाद का मसूरी इलाका. जहां न्यू शताब्दीपुरम में एक भरा पूरा परिवार था. जिसमें बुजुर्ग माता-पिता, पति-पत्नी, एक बहन और तीन मासूम बच्चियां शामिल थीं. पत्नी संगीता नर्स के तौर पर काम करती थी और उसका पति प्रदीप फिलहाल बेरोजगार था. इसी दौरान पति को शराब की लत लग गई थी. वो काम धंधा करने की बजाय शराब के नशे में धुत रहता था. कभी काम करता और कभी छोड़ देता. आए दिन उसका पत्नी के साथ झगड़ा आम बात थी. प्रदीप की बहन भी कहीं प्राइवेट जॉब करती है. लेकिन ना जाने गुरुवार-शुक्रवार की रात ऐसा क्या हुआ कि प्रदीप ने एक खौफनाक कदम उठाया. जिसका नतीजा ये हुआ कि पांच जिंदगी हमेशा के लिए खत्म हो गईं.
काली टेप, मर्डर और सुसाइड
42 वर्षीय प्रदीप और उसकी पत्नी और तीनों बच्चे गुरुवार की रात अपने कमरे में सोए थे. शुक्रवार की अल सुबह उनके कमरे का दरवाजा नहीं खुला. ना वहां कोई हलचल थी. घर में बुजुर्ग माता-पिता और बहन ने कमरे का दरवाजा खटखटाया लेकिन उन्हें अंदर से कोई जवाब नहीं मिला. जब शक होने पर उन्होंने खिड़की से कमरे में अंदर देखा तो उनके होश उड़ गए. बेड पर प्रदीप और उसके तीनों बच्चों की लाश पड़ी थी. जबकि की 40 वर्षीय पत्नी संगीता फर्श पर लहूलुहान पड़ी थी. उसके सिर में गंभीर चोट थी. उसके पास खून से सना एक हथौड़ा पड़ा हुआ था. प्रदीप और चारों बच्चों के मुंह पर करीब 4 इंच चौड़ी काले रंग की टेप लिपटी हुई थी. संगीता अभी जिंदा थी. फौरन पुलिस को इस बारे में सूचना दी गई.
पुलिस की थ्योरी
पुलिस की मानें तो सुबह करीब 5 बजकर 40 मिनट पर सूचना मिली कि एक शख्स ने सुसाइड कर लिया है. पुलिस मौके पर पहुंची, कमरे का दरवाजा तोड़ा तो उस कमरे से 3 छोटी-छोटी बच्चियों की लाशें मिली. जिनकी उम्र 3 साल, 5 साल और 8 साल थी. जबकि एक महिला गंभीर हालत में थी, जिसके सिर पर वार किया गया था. हैरानी की बात थी कि प्रदीप ने मुंह पर काली टेप बांधकर अपनी बच्चियों को मौत की नींद सुलाया. अपनी पत्नी संगीता के सिर पर हथौड़े से वार किया और फिर खुदकुशी की. प्रदीप के माता-पिता और बहन दूसरे कमरे में सोए थे, लिहाजा उन्होंने कोई आवाज़ भी नहीं सुनी.
क्या कहता है सुसाइड नोट
पुलिस हर एंगल से इस मामले की छानबीन कर रही है. शुरुआती जांच के बाद पुलिस ने कहा कि यह मामला आत्महत्या का है. प्रदीप की लाश के पास एक सुसाइड नोट भी मिला है. उसमें शक की बात की गई है. हालांकि आत्महत्या करने का कारण अभी भी साफ नहीं है. पुलिस सुसाइड नोट की जांच कर रही है. इस बात की पुष्टि गाजियाबाद के एसएसपी ने भी कर दी है. पुलिस के मुताबिक प्रदीप की पत्नी संगीता नशा मुक्ति केंद्र में नर्स के तौर पर जॉब करती थी. यह पूरा मामला अब सुसाइट नोट के इर्द गिर्द घूम रहा है. इलाके के लोग इस घटना से सहमे हुए हैं. हर कोई हैरान परेशान है कि आखिर प्रदीप ने ये खौफनाक कदम क्यों उठाया.
एक साल पहले हुआ था बुराड़ी कांड
दिल्ली के बुराड़ी कांड को भी पूरा एक साल हो गया है. बुराड़ी के उस घर में एक ही परिवार के 11 लोगों की मौत से पूरा देश दहल गया था. जांच में खुलासा हुआ था कि पूरे परिवार ने किसी आत्मा, अंधविश्वास और तंत्र-मंत्र के चक्कर में ये खौफनाक कदम उठाया था. इस वारदात के बाद से ही उनका घर इलाके में ‘मनहूस’ घर के नाम से कुख्यात हो गया था. उस परिवार में भी एक बड़े बेटे ने खौफनाक मौत का खेल खेला था और खुद भी फांसी लगा ली थी.