FILM NEWS-दिवंगत अभिनेता अमजद ख़ान की पुण्यतिथि पर विशेष-एक था गब्बर !
एक अभिनेता एक फिल्म से भी अमरत्व प्राप्त कर सकता है, हिंदी सिनेमा में इसका सबसे बड़ा उदाहरण हैं दिवंगत अभिनेता अमजद खान !
अमजद ने दो दर्जन फ़िल्मों में ख़लनायक, सह-कलाकार, चरित्र अभिनेता की विविध भूमिकाएँ निभाईं, लेकिन उन्हें उनकी पहली फ़िल्म ‘शोले’ में गब्बर सिंह की भूमिका के लिए याद किया जाता है। हिन्दी सिनेमा के दर्शकों ने लुटेरे का इतना ख़तरनाक, भयावह और क्रूर चरित्र उसके पहले और बाद में कभी नहीं देखा होगा। एक ऐसा किरदार जिसकी हर अदा अपने ज़माने का मिथक बन गई। एक संवाद शैली जो सुनने वालों की सांसें रोक देती है। एक मुस्कान जो रोंगटे खड़े कर देती है। एक साधारण चाल जिसके साथ धड़कन शुरू हुई। गब्बर की यह भूमिका शायद उनके समय के स्टार ख़लनायक डैनी के लिए लिखी गई थी, लेकिन डैनी के इनकार के बाद इसने ग़लती से नए अभिनेता अमजद को पकड़ लिया। गब्बर का रोल भले ही अमजद के लिए नहीं लिखा गया हो, लेकिन अमजद का जन्म शायद गब्बर बनने के लिए ही हुआ था। अमजद ‘शोले’ की अपार सफ़लता और क्लासिक फ़िल्म की अपनी स्थिति का सबसे बड़ा कारण थे। यह भूमिका अमजद के अभिनय सफ़र का ऐसा शिखर था कि वह खुद दोबारा नहीं छू सके। वे जीवन के बाद अन्य ख़लनायक हैं जिनसे लोग डरते हैं और बहुत प्यार करते हैं। गब्बर के अपने रोल में अमजद ने विलेन का ऐसा कीर्तिमान बना दिया है कि पचास-पचास साल बाद भी जब कोई विलेन सिनेमा के पर्दे पर अपनी बड़ाई करेगा तो लोग कहेंगे चुप रहो बेटा, नहीं तो गब्बर आ जाएगा !
बरेली से मोहम्मद शीराज़ ख़ान की रिपोर्ट !