तहसील क्षेत्र की समितियों पर पर्याप्त मात्रा में नहीं पहुंच रही खाद
तहसील क्षेत्र की समितियों पर पर्याप्त मात्रा में नहीं पहुंच रही खाद
खाद ना मिलने से प्रभावित हो रहीं धान व गन्ने की फसलें
पूरनपुर।तहसील क्षेत्र के किसानों को हर साल खाद की किल्लत से जूझना पड़ता है। हर साल खाद की समस्या से निजात दिलाने की बात कही जाती है।समय आने पर परिणाम शून्य हो जाते हैं।भूजल स्तर अच्छा होने से तराई के बड़े क्षेत्रफल मे धान की रोपाई की जाती है।धान की रोपाई के पन्द्रह दिन बाद फसल को खाद की जरूरत पड़ने लगती है।कोरोना काल मे आय का स्रोत ना होने से किसान आर्थिक तंगी से जूझ रहा है।धन के अभाव में कर्ज के तौर पर अधिकांश किसान समितियों से खाद लेते हैं।डिमांड के हिसाब से खाद की आपूर्ति ना होने के कारण तहसील क्षेत्र में किसानों को एक साथ पर्याप्त मात्रा में खाद वितरित करना समिति के लिए चुनौती बन जाता है। लगातार समितियों के चक्कर लगाने के बाद भी किसानों को खाद नहीं मिल पा रही है।मजबूरन किसान फसल को प्रभावित होता देखकर बिचौलियों का शिकार होना शुरू हो जाते हैं।यह खेल किसानों के साथ हर साल खेला जाता है।पंजीकृत दुकानों पर भी खाद ना मिलने से मजबूरन अन्नदाता अवैध तरीके से संचालित दुकानों पर पहुंच रहा है। किसानों का मानना है कि समय से खाद न मिलने के कारण फसल का उत्पादन भी काफी हद तक कम हो जाता है।
*किसानों की परेशानी,दुकानदारों की मनमानी
समितियों व पंजीकृत दुकानों पर खाद ना मिलने के कारण किसान क्षेत्र में अवैध तरीके से संचालित दुकान से खाद लेने को मजबूर है।किसानों का कहना है कि महंगे दामों मे दिए जाने वाली यूरिया खाद के साथ जबरन नकली जिंक व जाइम दी जाती है। मना करने पर खाद ना होने की बात कहकर टरका दिया जाता है।इस तरह से हर साल किसानों का आर्थिक शोषण किया जाता है।फसल प्रभावित होने के डर से किसान मजबूरन महंगे दामों में खाद को खरीद रहा है।
*खाद के संकट काल में सक्रिय हो जाते हैं तस्कर*
खाद की किल्लत के बाद चारों तरफ से आ रही डिमांड के बाद तस्करी का धंधा शुरू हो जाता है। इन दिनों घुंघचिहाई क्षेत्र से दियोरिया जंगल के रास्ते तस्कर गाड़ियों में खाद भर कर ले जा रहे हैं।सूत्रों के अनुसार तस्कर खाद की डिमांड से पहले ही स्टॉक करना शुरू कर देते हैं।क्षेत्र में खाद की किल्लत शुरू होते ही तस्कर सक्रिय हो जाते हैं।यह तस्कर जरूरतमंद किसानों को महंगे दामों पर खाद बेचकर मोटा मुनाफा कमा रहे हैं।
राघवेन्द्र सिंह आल राईट न्यूज़ लखनऊ