Haryana News-संयम और हौसले से अपने हक की लड़ाई जीतेगा किसान- दीपेंद्र हुड्डा

• यह आंदोलन किसान और किसानी के अस्तित्व की लड़ाई,• कलायत की किसान महापंचायत में बोले दीपेंद्र हुड्डा आंदोलन की सबसे बड़ी बुनियाद शांति और अनुशासन,• महापंचायत में तीनों क़ानून वापस लेने समेत तीन प्रस्ताव पारित किये गए,• उचाना हलके के गांव मोहनगढ़ छापड़ा के शहीद किसान स्व. रणधीर सिंह और गाँव चूड़पुर के स्व. रोशन के घर पहुंचकर दी श्रद्धांजलि, परिवार से मिलकर शोक जताया,• जब हरियाणा में सरकार हिलेगी तब केंद्र की सरकार किसानों की मांगे मानेगी,• किसानों की कुर्बानी का मजाक उड़ाने वाली भाजपा को अहंकार की हंसी महंगी पड़ेगी

जींद, 15 फरवरी। विभिन्न टोल प्लाजा, किसान धरनों से लेकर संसद में किसानों की आवाज बुलंद करने वाले सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने आज कलायत अनाज मंडी में आयोजित किसान महापंचायत को संबोधित करते हुए कहा कि ये पहला ऐसा आंदोलन है जो जाति, धर्म, क्षेत्र, भाषा के सारे बंधन तोड़कर एकजुट है। ये किसान और किसानी के अस्तित्व की लड़ाई है इसलिये शांति व अनुशासन के साथ एकजुट होकर संघर्ष करें, तभी कृषक बचेगा और कृषि बचेगी। ऐसा नहीं किया तो आने वाली पीढ़ी का भविष्य अंधकारमय हो जायेगा। इस आंदोलन की सबसे बड़ी बुनियाद शांति और अनुशासन है। इससे पहले उन्होंने उचाना हलके के गांव मोहनगढ़ छापड़ा के शहीद किसान स्व. रणधीर सिंह और गाँव चूड़पुर के स्व. रोशन के घर पहुंचकर श्रद्धांजलि अर्पित की और परिवारजनों से मिलकर शोक प्रकट किया व सांत्वना दी। महापंचायत में हाथ उठाकर एक स्वर में तीन प्रस्ताव पारित किये गए, जिनमें पहला, तीनों कृषि क़ानून वापस लिये जाएँ। दूसरा, आन्दोलन में जान कुर्बान करने वाले 200 से ज्यादा शहीद किसानों के परिवार को आर्थिक मदद व नौकरी दी जाए। तीसरा, कृषि मंत्री के बयान की निंदा की गई और उन्हें बर्ख़ास्त करने की मांग का प्रस्ताव पारित हुआ।

 

बरेली से मोहम्मद शीराज़ खान की रिपोर्ट !

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

%d bloggers like this: