फैज़ान-ए-नियाज़िया की तरफ से रोज़ा इफ्तार
बरेली फैज़ान-ए-नियाज़िया की तरफ से रोज़ा इफ्तार में सभी मज़हब और मिल्लत के लोगों ने शिरकत की।फैज़ान-ए-नियाज़िया वेलफेयर सोसाइटी की जानिब से हर साल की तरह इस साल भी सोसाइयटी के कार्यालय ऐवान-ए-नियाज़िया में रोज़ा इफ्तार का आयोजन किया गया। इसमें खास बात यह थी कि हर मज़हब और मिल्लत के लोगों ने बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया। सोसायटी के बानी डॉ0 हाजी जनाब कमालमियां नियाज़ी ने कहा कि रोज़ा रखकर हमें ज्यादा से ज्यादा अख़लाक़ और सब्र/बर्दाश्त करने का और खिदमते ख़ल्क़ करने का सबक मिलता है। क्योंकि रमज़ान वह महीना है, जिसमें अल्लाह ने कुरान-ए-करीम नाज़िल फरमाया है, जो तमाम लोगों के लिए हिदायत और रैहनुमाई का बेहतरीन नमूना है। इस महीने में 1 नेकी का सवाब 70 गुना देता है। इसलिए हमें ज़्यादा से ज़्यादा नेक काम करना चाहिए, ताकि अल्लाह और उसके रसूल की खुशनूदी हासिल हो सके। रोज़ा सिर्फ खाना-पीना छोड़ देने का नाम नहीं है बल्कि रोज़ा आँख, कान, नाक, जु़बान सबका होता है। इसलिए हमें जु़बान से अच्छी बात करना चाहिए और आँख, कान सबका सही इस्तेमाल करना चाहिए, ताकि हमारा रोज़ा अल्लाह की बारगाह में कुबूल हो। इस महीने में ज्यादा से ज्यादा इबादत करना चाहिए। रोज़ा इफ्तार करना व कराना चाहिए क्योंकि ये आपसी भाईचारा, मोहब्बत व कौमी एकता का बेहतरीन ज़रिया है। इस मौके पर हम्ज़ा मियां नियाज़ी ने कहा कि रोज़ा इफ्तार कराना और रोज़दार की खिदमत करना बहुत नेक और सबाब का काम है, जब आप कोई काम खुलूसे नियत व सही नियत से करते हैं तो अल्लाह इसका अज्ऱ जरूर देता है। इस मौके पर इन्होंने सबका शुक्रिया अदा किया और सभी अराकीन की हौसला अफज़ाई की शिरकत करने वालों में मुख्य रूप से अली जै़न नियाज़ी, मुत्तकी नियाज़ी, हसीन नियाज़ी, मुजाहिद नियाज़ी, सय्यद मुनाज़िर अली
नियाज़ी, आफताब नियाज़ी, राशिद नियाज़ी, यामीन नियाज़ी, मुस्लिम नियाज़ी, राजेन्द्र कुमार, सुमित, इन्तेज़ार नियाज़ी, जावेद नियाज़ी,
प्रफुल्ल, एड0 अ बरेज़ नियाज़ी, लाल मियां, वसीम नियाज़ी, फैज़ नियाज़ी आदि बड़ी तादाद में लोगों का सहयोग रहा।