टेक्सटाइल्स, आर्ट्स एंड क्राफ्ट्स की प्रदर्शनी “इंडिया-किर्गिज कलर्स एण्ड वीव्स इन सेन्ट्रल एशिया” का 14 जून, 2019 को बिश्केक, किर्गिजस्तान में शुभारम्भ

नई दिल्ली – 15 जून, 2019 –  भारतीय टेक्सटाइल्स एण्ड हैंडीक्राफ्ट्स पर केन्द्रित भारत-किर्गिजस्तान की साझा प्रदर्शनी “कलर्स एण्ड वीव्स इन सेन्ट्रल एशिया” का आयोजन किर्गिजस्तान की राजधानी बिश्केक में किया जा रहा है।

भारत सरकार के कपड़ा मंत्रालय की ओर से हस्तशिल्प निर्यात संवर्धन परिषद (ईपीसीएच) द्वारा बिश्केक स्थित भारतीय दूतावास के सहयोग से और किर्गिजस्तान सरकार की ओर से सेन्ट्रल एशियन क्राफ्ट्स सपोर्ट एसोसिएशन रिसोर्स सेन्टर के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित यह प्रदर्शनी 24 जून, 2019 तक चलेगी।

ईपीसीएच के महानिदेशक श्री राकेश कुमार ने बताया कि भारत के प्रधानमंत्री माननीय श्री नरेन्द्र मोदी 13-14 जून, 2019 को शंघाई सहयोग संघ (एससीओ) की शिखर बैठक में सम्मिलित होने बिश्केक, किर्गिजस्तान पहुंचे थे और इसी बैठक के साथ आयोजित अन्य कार्यक्रमों की शृंखला में इस प्रदर्शनी को आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि प्रदर्शनी का उद्घाटन 14 जून, 2019 को किर्गिज गणराज्य के संस्कृति, सूचना एवं पर्यटन मंत्री श्री ज़माकुलोव अज़मत कपारोविच और किर्गिज गणराज्य में भारतीय राजदूत श्री आलोक अमिताभ डिमरी ने अतिरिक्त विकास आयुक्त (हैंडीक्राफ्ट्स) श्री रत्नेश कुमार झा और कपड़ा मंत्रालय, भारत सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे अतिरिक्त विकास आयुक्त (हैंडलूम्स) श्री संतोष कुमार सिंह की उपस्थिति में किया।

प्रदर्शनी का शुभारम्भ करते हुए किर्गिज गणराज्य के संस्कृति, सूचना एवं पर्यटन मंत्री श्री ज़माकुलोव अज़मत कपारोविच ने भारतीय और किर्गिज दोनों पक्ष की ओर से प्रदर्शित किए गए उत्पादों की सराहना की और कहा कि इस पहल से दोनों देशों के लोग करीब आएंगे। उन्होंने कहा कि इससे उनकी सरकार को भारत में शिल्पकारों को प्रोत्साहित करने और क्राफ्ट्स के विकास के लिए उपलब्ध कराए जा रहे सहयोग के बारे में समझने का अवसर भी मिलेगा।

किर्गिज गणराज्य में भारतीय राजदूत श्री आलोक अमिताभ डिमरी ने इस अवसर पर कहा कि खादी, छींट, जरी, चिकनकारी, इकात और हैंडीक्राफ्ट्स के जो बेहतरीन भारतीय उत्पाद पेश किए गए हैं, वे निश्चित तौर पर विचारों के आपसी आदान-प्रदान का माध्यम बनेंगे और इससे दोनों देशों को एक-दूसरे की कला और शिल्प के बारे में जानने-समझने का अवसर मिलेगा। उन्होंने कहा कि, “ यह दो संस्कृतियों, परम्पराओं, कला और शिल्प का संगम है और इससे दोनों तरफ के शिल्पियों को अपने अनुभव एवं विशेषज्ञता साझा करने तथा अपने टेक्सटाइल्स एवं क्राफ्ट में नए डिजाइन्स एवं पैटर्न शामिल करने का मौका मिलेगा।

अतिरिक्त विकास आयुक्त (हैंडीक्राफ्ट्स) श्री रत्नेश कुमार झा ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि प्रदर्शनी में भारत के हाथ से बुने टेक्साइल्स एवं भारतीय हस्तशिल्पियों के सुंदर उत्पादों और उतने ही खूबसूरत किर्गिज टेक्सटाइल्स एवं हैंडीक्राफ्ट उत्पादों का प्रदर्शन किया गया है। इससे दोनों देशों के हस्तशिल्प उत्पादों की समानताओं का जानने और साझा करने का अनूठा मंच मिला है। उन्होंने कहा कि इससे यहां के स्थानीय निवासी भारतीय कला, शिल्प और परम्पराओं से रूबरू हो सकेंगे।

कपड़ा मंत्रालय, भारत सरकार के अतिरिक्त विकास आयुक्त (हैंडलूम्स) श्री संतोष कुमार सिंह ने कहा कि  भारतीय पारम्परिक शिल्प के बारे में जागरूकता पैदा करने के उद्देश्य से मधुबनी क्राफ्ट और लहरिया टाइ एण्ड डाइ टेक्सटाइल्स का लाइव डेमो देने के लिए इन विधाओं में महारत प्राप्त दो शिल्पकारों को यहां लगाया गया है।

ईपीसीएच के महानिदेशक श्री राकेश कुमार ने यह भी बताया कि इस प्रदर्शनी में भारतीय परम्पराओं, पैटर्न, रंग, नमूनों और डिजाइन्स का समावेश करते हुए श्रेष्ठतम और चुनिंदा पारम्परिक हैंडलूम और हैंडीक्राफ्ट उत्पादों को प्रदर्शित किया गया है। उन्होंने बताया कि भगवान कृष्ण की मूर्तियां, एलीफेन्ट ऑन व्हील, लकड़ी के बने शेर, बैल गाड़ी एवं स्टोल्स जैसे भारतीय उत्पाद और किर्गिज उत्पादों में शिर्डक कार्पेट, फेल्ट टेक्सटाइल्स और कई अन्य ट्रेडिशनल मोटिफ्स यहां खूब पसंद किए जा रहे हैं। साथ ही, भारतीय और किर्गिज शिल्पकारों द्वारा दिए जा रहे लाइव डेमोंस्ट्रेशन यहां आ रहे आगंतुकों को भरपूर लुभा रहे हैं।

वर्ष 2017-18 में किर्गिजस्तान को भारत का निर्यात 28.59 मिलियन अमेरिकी डॉलर था जबकि भारत में किर्गिज निर्यात 30.94 अमेरिकी डॉलर था। भारत से किर्गिजस्तान को मात्र 90 हजार अमेरिकी डॉलर मूल्य का ही हैंडीक्राफ्ट निर्यात किया जा रहा है। किर्गिजस्तान को भारतीय निर्यात उत्पादों में बड़ी हिस्सेदारी रेडीमेड कपड़ों एवं अन्य वस्त्रों, चमड़े के उत्पाद, ड्रग्स एवं दवाइयों, फाइन केमिकल्स और चाय की है, जबकि भारत को होने वाले किर्गिज निर्यात में रॉ हाइड्स, अयस्क और मेटल स्क्रैप की प्रमुखता होती है।

अधिक जानकारी के लिए सम्पर्क करेः

श्री राकेश कुमार डीजी-ईपीसीएच- +91-9818272171

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प्रदर्शनी के उद्घाटन अवसर पर किर्गिज गणराज्य में भारतीय राजदूत श्री आलोक अमिताभ डिमरी एवं किर्गिज गणराज्य के संस्कृति, सूचना एवं पर्यटन मंत्री श्री ज़माकुलोव अज़मत कपारोविच का स्वागत। साथ है, अतिरिक्त विकास आयुक्त (हैंडीक्राफ्ट्स) श्री रत्नेश कुमार झा और अतिरिक्त विकास आयुक्त (हैंडलूम्स) श्री संतोष कुमार सिंह।

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भारत से लाइव डेमोंस्ट्रेशन देने आए शिल्पकारों और बुनकरों के साथ किर्गिज गणराज्य के संस्कृति, सूचना एवं पर्यटन मंत्री श्री ज़माकुलोव अज़मत कपारोविच, किर्गिज गणराज्य में भारतीय राजदूत श्री आलोक अमिताभ डिमरी, अतिरिक्त विकास आयुक्त (हैंडीक्राफ्ट्स) श्री रत्नेश कुमार झा और अतिरिक्त विकास आयुक्त (हैंडलूम्स) श्री संतोष कुमार सिंह।

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किर्गिज गणराज्य के संस्कृति, सूचना एवं पर्यटन मंत्री को प्रदर्शित उत्पादों के बारे में जानकारी देते हुए एडीसी (हैंडीक्राफ्ट्स) श्री रत्नेश झा।

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