एलोपैथिक डॉक्‍टरों की संख्‍या बढ़ाने के लिए सरकार ने विभिन्‍न कदम उठाए

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भारतीय चिकित्‍सा परिषद द्वारा दी गई सूचना के अनुसार, 30 सितंबर, 2017 को राज्‍य चिकित्‍सा परिषदों/भारतीय चिकित्‍सा परिषद में कुल 10,41,395 एलोपैथिक डॉक्‍टर पंजीकृत हैं। यदि हम इनकी 80% उपलब्‍धता माने, तो अनुमान है कि सक्रिय सेवा के लिए लगभग 8.33 लाख डॉक्‍टर वास्‍तव में उपलब्‍ध हो सकते हैं। 1.33 बिलियन की वर्तमान जनसंख्‍या अनुमान के अनुसार यह संख्‍या डॉक्‍टरों की 1:1596 जनसंख्‍या अनुपात को दर्शाती है।

एलोपैथिक डॉक्‍टरों की संख्‍या बढ़ाने के लिए सरकार ने विभिन्‍न कदम उठाए हैं। इन प्रयासों में निम्‍नलिखित शामिल हैं:-

(i)       एमबीबीएस स्‍तर पर अधिकतम भर्ती क्षमता को 150 से बढ़ाकर 250 करना।

(ii)      चिकित्‍सा कॉलेजों की स्‍थापना के लिए भूमि, संकाय, स्‍टॉफ, बिस्‍तर/बिस्‍तरों की संख्‍या और अन्‍य अवसंरचना की आवश्‍यकताओं के संबंध में मानदंडों में छूट देना।

(iii)      नए स्‍नातकोत्‍तर पाठ्यक्रम प्रारंभ करने / स्‍नातकोत्‍तर सीटें बढ़ाने के लिए राज्य सरकार के चिकित्‍सा कॉलेजों को सुदृढ़/उन्‍नत करना।

(iv)      विद्यमान जिला/रेफरल अस्‍पतालों से संबद्ध नए चिकित्‍सा कॉलेजों की स्‍थापना करना।

(v)      एमबीबीएस सीटें बढ़ाने के लिए वर्तमान राज्‍य सरकारी / केंद्र सरकारी चिकित्‍सा कॉलेजों को सुदृढ़ / उन्‍नत करना।

(vi)      देश भर में चिकित्‍सा कॉलेजों में सभी एमडी / एमएस विषयों के लिए छात्रों की तुलना में अध्‍यापकों का अनुपात 1:1 से बढ़ाकर 1:2 और सेंवदनाहरण विज्ञान, न्‍यायिक औषधि, रेडियोथैरेपी,चिकित्‍सा आंकोलॉजी, शल्‍य चिकित्‍सा आंकोलॉजी और मनश्चिकित्‍सा विज्ञान के विषयों में 1:1 से बढ़ाकर 1:3 कर दी गई है। इसके अतिरिक्‍त सार्वजनिक निजी सहायता प्राप्‍त सरकारी चिकित्‍सा कॉलेजों में प्रोफेसर के लिए सभी नैदानिक विषयों में अध्‍यापक:छात्र अनुपात 1:2 से बढ़ाकर 1:3 और जहां सहायक प्रोफेसर यूनिट के अध्‍यक्ष हैं, वहां पर अनुपात 1:1 से बढ़ाकर 1:2 कर दिया गया है। इससे देश में विशेषज्ञों की संख्‍या में वृद्धि होगी।

(vii)     चिकित्‍सा कॉलेजों में अध्‍यापकों/डीन/प्रिंसिपल/निदेशक के पदों पर नियुक्ति/विस्‍तार/ पुन: रोजगार के लिए आयु-सीमा 65 वर्ष से बढ़ाकर 70 वर्ष करना।

(viii)    संकाय की कमी को पूरा करने के लिए संकाय के रूप में नियुक्ति हेतु डीएनबी अर्हता और विदेशी अर्हता को मान्‍यता दी गई है।

उक्‍त उल्लिखित उपायों को कार्यान्वित करने के लिए केंद्र सरकार प्रतिवर्ष स्‍नातक एवं स्‍नातकोत्‍तर सीटों में वृद्धि करती है।

स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्‍य मंत्री, श्रीमती अनुप्रिया पटेल के द्वारा लोकसभा में लिखित में उत्तर दिया गया I

 

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