बिजलीकर्मियों ने देश के सभी प्रांतों के बिजली कर्मियों के साथ किया कार्य बहिष्कार
बरेली (अशोक गुप्ता )- केन्द्र/राज्य सरकारों की निजीकरण की नीतियों एवं इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2021 के विरोध में एवं अन्य समस्याओं के समाधान हेतु प्रदेश के सभी ऊर्जा निगमों के तमाम बिजलीकर्मियों ने देश के सभी प्रांतों के बिजली कर्मियों के साथ किया कार्य बहिष्कार एवं विरोध सभायें : शांतिपूर्ण आंदोलन से भयभीत प्रबंधन ने लखनऊ स्थित शक्तिभवन के गेट बंद कराए: दो दिवसीय कार्य बहिष्कार के क्रम में कल भी होगा देशव्यापी कार्य बहिष्कार :
केंद्र एवं राज्य सरकार की निजीकरण की नीतियों एवं इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2021 के विरोध में देश के सभी प्रांतों के बिजली कर्मियों द्वारा किये जा रहे कार्य बहिष्कार के साथ प्रदेश के सभी ऊर्जा निगमों के तमाम बिजली कर्मचारियों, जूनियर इंजीनियरों एवं अभियन्ताओं ने दो दिवसीय कार्य बहिष्कार प्रारम्भ करते हुए आज पूरे प्रदेश में कार्य बहिष्कार कर किया एवं प्रदेश में जोरदार विरोध सभायें की। अनपरा, ओबरा, पारीछा, हरदुआगंज, वाराणसी, प्रयागराज, मिर्जापुर, मेरठ, आगरा, अलीगढ़, लखनऊ, कानपुर, बरेली, गोरखपुर, अयोध्या, देवीपाटन, बस्ती, सहारनपुर, गाजियाबाद, मुरादाबाद, नोएडा, बुलन्दशहर, मथुरा, झांसी, बांदा, चित्रकूट समेत सभी जनपद मुख्यालयों और परियोजनाओं पर विरोध प्रदर्शन किये गये। राजधानी लखनऊ में शक्तिभवन पर जबरदस्त विरोध सभा हुई। भयभीत प्रबंधन द्वारा लखनऊ स्थित शक्ति भवन के सारे गेट बंद करा दिए किंतु बिजलीकर्मियों के उत्साह का आलम ये था कि जहां भारी संख्या में लोग बाहर सड़क पर थे वहीं उतनी ही संख्या में लोग गेट के अंदर थे। विरोध सभा में बिजली कर्मियों ने जोरदार तरीके से विरोध प्रकट कर प्रबंधन की तानाशाही का विरोध किया।
संघर्ष समिति के प्रमुख पदाधिकारियो इंजीनियर धर्मेद्र सिंह,इंजीनियर गौरव शर्मा, इंजीनियर अभिषेक सिंह,इंजीनियर अनुज गुप्ता,इंजीनियर मंजीत सिंह ने आज जारी संयुक्त बयान में कहा कि केंद्र सरकार निजीकरण की दृष्टि से इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2021 को संसद में पारित कराने जा रही है जिसका बिजली कर्मियों और बिजली उपभोक्ताओं पर व्यापक प्रतिगामी प्रभाव पड़ने वाला है।
इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2021 पर बिजली कर्मचारियों और बिजली उपभोक्ताओं से कोई राय नहीं ली गई है केवल औद्योगिक घरानों से ही विचार विमर्श किया गया है। इस प्रकार केंद्र सरकार की इस एकतरफा कार्यवाही से बिजली कर्मियों में भारी रोष एवं गुस्सा है। बिजली कर्मियों की मांग है कि इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2021 को जल्दबाजी में संसद से पारित कराने के बजाय इसे बिजली मामलों की लोकसभा की स्टैंडिंग कमेटी को भेजा जाए जिससे स्टैंडिंग कमेटी के समक्ष बिजली कर्मी और उपभोक्ता अपना पक्ष रख सकें।
मुख्य माँगेंः- इलेक्ट्रिसिटी अमेंडमेंट बिल 2021 वापस लिया जाए व विद्युत वितरण क्षेत्र के निजीकरण हेतु जारी किये गए स्टैण्डर्ड बिडिंग डॉक्यूमेंट तत्काल वापस लिया जाए, ग्रेटर नोएडा के निजीकरण और आगरा का फ्रेंचाइजी करार, रद्द किया जाए, केरल के केएसईबी लिमिटेड और हिमाचल प्रदेश के एचपीएसईबी लिमिटेड की तरह उत्तर प्रदेश में भी सभी बिजली निगम का एकीकरण कर यूपीएसईबी लिमिटेड का गठन किया जाए, सभी बिजली कर्मियों को पुरानी पेंशन दी जाए, शांतिपूर्ण आंदोलन के कारण प्राविधिक कर्मचारी संघ के सदस्यों की वेतन कटौती व अन्य दमनात्मक कार्यवाहियाँ वापस लिया जाए,संघर्ष समिति और मंत्रिमंडलीय उप समिति के मध्य हुए 6 अक्टूबर 2020 के समझौते का पालन करते हुए विगत वर्ष आंदोलन के फलस्वरूप वाराणसी, प्रयागराज और अन्य स्थानों पर बिजली कर्मियों पर की गई एफ आई आर वापस ली जाए,
सभी रिक्त पदों पर भर्ती की जाए और तेलंगाना सरकार के आदेश की तरह सभी निविदा/संविदा कर्मियों को नियमित किया जाए, बिजली कर्मचारियों की सभी वेतन विसंगतियां दूर की जाएं और पूर्व की तरह सभी बिजली कर्मियों को न्यूनतम तीन पदोन्नत पदों का समयबद्ध वेतनमान पूर्व की भाँति दिया जाए। अभियन्ता एवं अवर अभियंताओं तथा कर्मचारियों की एकता एवं अखंडता के साथ आज विरोध सभा में सैकड़ों लोगों ने प्रतिभाग कर प्रबंधन के द्वारा किए जा रहे भ्रष्टाचार एवं गलत कार्य प्रणाली तथा वातावरण को बनाए जाने को आड़े हाथों लिया।
सभा में गौरव शुक्ला,अभय सिंह,रामदास,राजेश शर्मा, पंकज भारती,अशोक कुमार,सुप्रीत सिंह,विजय कनौजिया,मनीष गुप्ता,मंजीत सिंह,पारस रस्तोगी, आर जे वर्मा,अमित गंगवार,पवन चंद्र,आकाश अग्रवाल,संदीप सिंह, रजीत कुमार,नीरज यादव,राजू सागर,अरविंदर,अजय यादव,राम खिलावन एवं अन्य अभियंताओं ,अवर अभियंताओं तथा कर्मचारियों ने प्रतिभाग कर संयुक्त संघर्ष समिति की मांगो तथा समस्याओं को मुखर किया गया है।
देशव्यापी दो दिवसीय कार्य बहिष्कार के क्रम में उ0प्र0 के सभी ऊर्जा निगमों के बिजली कर्मचारी, जूनियर इंजीनियर एवं अभियन्ता कल 29 अप्रैल को भी कार्य बहिष्कार कर अपना विरोध प्रकट करेंगे।