शिक्षा भारत के राष्ट्रीय विकास प्रयासों में महत्वपूर्ण प्राथमिकता रही है-डॉ सत्यपाल सिंह
मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री डॉ. सत्यपाल सिंह ने आज कज़ाकिस्तान के अस्ताना शहर में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सदस्य देशों के शिक्षा मंत्रियों की 7वीं बैठक में भाग लिया। वे 15 से 18 अक्टूबर 2018 तक 3 दिन की कज़ाकिस्तान यात्रा पर हैं।
बैठक में अपने वक्तव्य में मंत्री ने कहा कि शिक्षा भारत के राष्ट्रीय विकास प्रयासों में निरंतर महत्वपूर्ण वरीयता बनी रही है। उन्होंने कहा कि इससे स्कूली और उच्चतर शिक्षा तक पहुंच और गुणवत्ता में सुधार लाने में मदद मिली है। उन्होंने कहा कि भारत में 15 लाख स्कूल हैं जिनमें 26 करोड़ विद्यार्थी और 86.9 लाख शिक्षक हैं। उच्चतर शिक्षा क्षेत्र के अंतर्गत 864 विश्वविद्यालय, 40 हजार कॉलेज, 11700 एकल संस्थान, 3.57 लाख विद्यार्थी और 13 लाख प्रशिक्षक शामिल हैं। भारत ने ‘कौशल विकास’ मिशन भी शुरू किया है, जिसके अंतर्गत 2022 तक 40 करोड़ युवाओं को कौशल प्रदान करने का लक्ष्य रखा गया है।
उन्होंने प्रतिभागियों को प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल बढ़ाने और शिक्षा को प्रौद्योगिकी से जोड़ने के लिए भारत के प्रमुख कार्यक्रमों की भी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि भारत ऑनलाइन पाठ्यक्रमों के लिए ‘स्वयं’ जैसे एकीकृत प्लेटफार्म का इस्तेमाल कर रहा है जिसके जरिए 1500 से अधिक पाठ्यक्रम निशुल्क प्रदान किये जा रहे हैं।
डॉ. सिंह ने शंघाई सहयोग संगठन विश्वविद्यालय (यूएससीओ) की स्थापना और संचालन के प्रयासों में भारत की सहायता का आश्वासन दिया।
एससीओ बैठक से इतर मंत्री ने कज़ाकिस्तान, चीन, रूस और उज्बेकिस्तान के शिक्षा मंत्रियों के साथ द्विपक्षीय बैठकों में हिस्सा लिया ताकि शिक्षा के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाया जा सके।