ई-बुक्स बनायेगी आनलाइन पढ़ाई को रुचिकर
कोरोना की रफ्तार एक बार फिर बहुत तेजी से बढ़ रही है। देश में कोरोना संक्रमितों का बढ़ता ग्राफ चिन्ताजनक है। देश के ग्यारह राज्यों में हालात दिनों-दिन भयावह होते जा रहे हैं।
कोरोना की आपदा का दुष्प्रभाव वैसे तो जीवन के हर क्षेत्र में दिखाई दे रहा है, मगर इसने छात्रों की पढ़ाई को सबसे अधिक प्रभावित किया है। पिछले पूरे शैक्षिक सत्र के दौरान स्कूल-कालेज कई महीने बन्द रहे। अधिकांश छात्रों की परीक्षाएं तक नहीं हो सकीं और उन्हें बिना परीक्षा के ही अगली कक्षाओं में प्रमोट करना पड़ा। शैक्षिक सत्र 2020-21 पूरी तरह से कोरोना की भेंट चढ़ गया। सरकार ने आॅनलाइन पढ़ाई का विकल्प तो तलाशा मगर संसाधानों के अभाव में आॅनलाइन पढ़ाई खानापूरी मात्र ही साबित हो सकी।
वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए लग रहा है कि कोरोना की आपदा जल्दी समाप्त होने वाली नहीं है। इसलिए हमें आॅनलाइन पढ़ाई का कारगर ढांचा विकसित करना होगा।
सरकार को प्राथमिकता के आधार पर सभी छात्रों को स्मार्ट फोन मुहैय्या कराने चाहिए तथा दूर-दराज के गाँवों तक इंटरनेट कनेक्टीविटी हेतु कारगर ढांचा विकसित करना चाहिए। शिक्षकों को आॅनलाइन पढ़ाई हेतु प्रभावी प्रशिक्षण की व्यवस्था करनी होगी। आॅनलाइन पढ़ाई को रुचिकर बनाना होगा जिससे आॅनलाइन क्लासेस में छात्रों की उपस्थिति बढ़ सके।
आॅनलाइन पढ़ाई को कारगर बनाने में ई-बुक्स महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। इसके साथ ही हम ई-पेपर, ई-ग्राफिक्स और ई-डाटाज के द्वारा भी आॅनलाइन पढ़ाई को रुचिकर और प्रभावी बना सकते हैं। छोटी कक्षा के छात्रों हेतु आॅनलाइन पढ़ाई में हम शिक्षाप्रद वीडियो, आडियो ई-कार्टून, ई-गेम्स और ई-काॅमिक्स को विकसित कर सकते हैं। इससे छात्रों मे आॅनलाइन पढ़ाई में रुचि बढ़ेगी तथा इससे आॅनालाइन क्लासेस में छात्रों की उपस्थिति बढ़ाने में भी मदद मिलेगी।
आॅनलाइन पढ़ाई का सबसे कमजोर पक्ष है कि इसमें छात्रों को अपनी जिज्ञासाओं और प्रश्नों को शिक्षक के समक्ष रखने का अवसर नहीं मिलता है। शिक्षकों के पास भी उनकी प्रगति को जानने का कोई प्रभावी माध्यम नहीं होता है। इसको दूर करने के लिए आॅनालाइन पढ़ाई में गूगल मीट के पैटर्न को विकसित कर हम छात्रों और शिक्षकों के बीच संवाद स्थापित करने तथा छात्रों द्वारा प्रश्न पूछने और शिक्षकों द्वारा उन प्रश्नों का समाधान करने की प्रक्रिया को भी विकसित कर सकते हैं। शिक्षक ई-पेपर के द्वारा समय-समय पर छात्रों का टैस्ट भी ले सकते हैं। जिससे उन्हें छात्रों की शैक्षिक प्रगति की जानकारी भी मिलती रहे।
आॅनालाइन पढ़ाई का लाभ हर छात्र तक पहुंच सके इसके लिए हमें गांव-गांव तक इन्टरनेट की कनेक्टीविटी सुनिश्चित करनी होगी। इसके साथ ही सरकार सभी छात्रों को स्मार्ट फोन उपलब्ध कराये। जिससे आॅनालाइन पढ़ाई प्रभावी और कारगर बन सके।
सुरेश बाबू मिश्रा
सेवा निवृत्त प्रधानाचार्य
ए-979, राजेन्द्र नगर, बरेली-243122 (उ॰प्र॰)
मोबाइल नं. 9411422735,
बरेली से निर्भय सक्सेना की रिपोर्ट !