ड्राइवर को आई झपकी, हुआ भीषण सड़क हादसा, 11 की मौत -25 से अधिक घायल।
पड़ोसी राज्य झारखंड के चौपारण में सोमवार अहले सुबह भीषण सड़क हादसे में 11 लोग मारे गए हैं। जबकि दुर्घटना में 25 यात्री बुरी तरह घायल हो गए। बस-ट्रक की टक्कर में बस के परखच्चे उड़ गए। जीटी रोड पर चौपारण के दनुआ घाटी में सुबह करीब 3:30 बजे यह हादसा हुआ, जिसमें 9 लोगों की माैके पर ही मौत हो गई,वहीं, इलाज के दौरान दो लोगों की मौत सामुदायिक चौपारण में हो गयी.जानकारी के मुताबिक गुमला से मसौढ़ी जा रही महारानी बस अहले सुबह में साढ़े तीन बजे हादसे का शिकार हो गई। दुर्घटनास्थल बिहार और झारखंड का सीमा क्षेत्र है। हादसे के वक्त बस में सभी यात्री सो रहे थे। बस का ब्रेक फेल होने को हादसे का कारण बताया जा रहा है। हजारीबाग के डीसी रविशंकर शुक्ला राहत-बचाव कार्य की देखरेख के लिए घटनास्थल पर पहुंच गए हैं। घायलों के बेहतर इलाज के लिए मुख्यालय से डॉक्टरों की टीम मौके पर पहुंच कर इलाज में जुट गयी है.
बताया गया कि सड़क पर पहले से खड़े छड़ लदे खराब ट्रक में बस के टकराने से यह भीषण हादसा हुआ है। दुर्घटना की सूचना के बाद चौपारण थाने की पुलिस मौके पर पहुंच गई है। पुलिस बस में फंसे लोगों को निकालने का प्रयास कर रही है। अब तक 9 लोगों के शव निकाले जा चुके हैं। हादसे में जान गंवाने वाले यात्रियों की पहचान अब तक नहीं हो पाई है। मरने वालों में बस का ड्राइवर और खलासी भी शामिल हैं। बताया गया है कि इस हादसे में 2 दर्जन से अधिक लोग घायल हो गए हैं। जिन्हें इलाज के लिए चौपारण प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया है। हादसे के गवाह एक यात्री प्रदीप शर्मा ने बताया कि संभवत: बस का ब्रेक फेल हो गया, जिसके कारण यह दुर्घटना हुई। चालक ने बस से नियंत्रण खो दिया था। बस में सवार रहे संतन विश्वकर्मा ने बताया कि बस का ब्रेक फेल होने के बारे में ड्राइवर ने यात्रियों को आगाह किया था। उसने बचाने की पूरी कोशिश की, लेकिन सड़क पर पहले से खड़े सरिया लदे ट्रक में भीषण टक्कर हो गई।
हादसे की गवाह बनी बस में सफर कर रहे यात्री प्रदीप शर्मा ने इलाज के क्रम में बताया कि वे रांची से डोभी जाने के लिए स्लीपर में सवार थे। छड़ लदे ट्रक से जोरदार टक्कर हुई। किस्मत से जान बच गई। खाई में गिरते तो सब मारे जाते। इस हादसे में बुरी तरह घायल कृष्ण बल्लभ शर्मा ने बताया कि बस बहुत तेज रफ्तार में थी। चालक को कई बार मना किया गया था, लेकिन वह नहीं माना। अंतत: हादसा हो गया। भगवान की कृपा से जान बच गई।
बता दें कि जीटी रोड में चौपारण की दनुआ घाटी मौत की घाटी बन गई है। यहां पिछले चार महीने में अलग-अलग हादसों में 30 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। कुछ दिन पहले ही अमेरिका के एक रिसर्च स्कॉलर और उसकी पत्नी की भी यहां हादसे में मौत हो गई थी। हाेली के दिन स्कॉर्पियो में सवार 5 लोगों की इस घाटी में जान जा चुकी है।
कुछ दिन पहले ही हजारीबाग के डीसी ने इंजीनियरों की एक टीम भेजकर इस घाटी में लगातार हो रही दुर्घटना की विस्तृत जांच कराई थी। यह रिपोर्ट एनएचएआइ के साथ ही राज्य व केंद्र सरकार को भी भेजी गई है। हादसे के संबंध में विस्तृत विवरण की प्रतीक्षा की जा रही है। आपको गौरतलब कर दूं इतनी घटना के बाद प्रशासन कुछ जागा था और यहां पर होर्डिंग पोस्टर लगाने का कार्य किया गया था लेकिन सही मानें तो ऐसी सूरत में और बड़े कदम उठाए जाने चाहिए अब देखना गौरतलब होगा कि जिस बड़े हादसे का इंतजार एनएचआई कर रहा था वह हादसा आज हुआ है अब एनएचएआई इस पर क्या कदम उठाता है.
सोनू मिश्रा के साथ सौरभ की रिपोर्ट।