21 जून यानी रविवार को सूर्य ग्रहण वाले दिन भूलकर भी ना करें ये काम
21 जून यानी रविवार को सूर्य ग्रहण वाले दिन भूलकर भी ना करें ये काम
21 जून यानी रविवार को सूर्य ग्रहण को लगने वाला है. यह ग्रहण सुबह 9 बजकर 15 मिनट से दोपहर 3 बजकर 4 मिनट तक रहेगा. यह ग्रहण मंगल के नक्षत्र में पड़ने वाला है. हिंदू धर्म के रीति-रिवाजों के मुताबिक ग्रहण काल में कुछ चीजों को करने की सख्त मनाही होती है. आइए सूर्य ग्रहण लगने से पहले जानते हैं कि इस दिन हमें कौन से काम करने से परहेज करना चाहिए.
ग्रहण के समय भोजन आदि ग्रहण नहीं करना चाहिए और जल का भी सेवन नहीं करना चाहिए. ग्रहण से पहले ही जिस पात्र में पीने का पानी रखते हों उसमें कुशा और तुलसी के कुछ पत्ते डाल देने चाहिए. कुशा और तुलसी में ग्रहण के समय पर्यावरण में फैल रहे जीवाणुओं को संग्रहित करने की अद्भुत शक्ति होती है.
ग्रहण के समय भोजन करने और बनाने दोनों का त्याग देना चाहिए. ग्रहण के बाद स्नान करना चाहिए. ग्रहण को नग्न आंखों से देखने का भी परहेज करना चाहिए.
ग्रहण के समय गर्भवती महिलाओं को ग्रहण की छाया आदि से विशेष रूप से बचना चाहिए. क्योंकि ग्रहण की छाया का कुप्रभाव गर्भस्थ शिशु पर पड़ने का डर रहता है. इसके अलावा बुजुर्ग और पीड़ित व्यक्ति को भी बाहर जाने से परहे करना चाहिए.
ग्रहण के समय देव पूजा को भी निषिद्ध बताया गया है. इसी कारण अनेक मंदिरों के कपाट ग्रहण के समय बंद कर दिए जाते हैं. ग्रहण के 12 घंटे से पूर्व ही सूतक लगने के कारण मंदिरों के पट भी बंद कर दिये जाते है.
सूतक काल लगने के बाद उपासना या देव दर्शन करना वर्जित माने जाते हैं. साथ ही इस ग्रहण काल की अवधि में लोगों को देवी-देवाओं की मूर्ति को स्पर्श करने से बचना चाहिए
ग्रहण के समय कभी बाल और नाखून न कटवाएं, इस समय कोई सिलाई-कढ़ाई का काम न करें. ये अशुभ माना जाता है. इस दौरान नुकीली चीजों जैसे की छुरी, कांटा या सूई का इस्तेमाल ना करें.
ग्रहण के दौरान किसी नए व शुभ कार्य की शुरुआत करने से बचें. असफलता हाथ लग सकती है. साथ ही ग्रहण के समय कभी भी पति-पत्नी को शारीरिक संबंध नहीं बनाना चाहिए.
ग्रहण काल के वक्त मांस या मदिरा पान का सेवन भी नहीं करना चाहिए. ग्रहण काल की अवधि में नींद लेने से भी बचना चाहिए.