दिल्ली सरकार का यू-टर्न, ऑड-ईवन पर पुनर्विचार
दिल्ली सरकार ने यू-टर्न लेते हुए फिलहाल ऑड-ईवन योजना को सोमवार को लागू नहीं करने का फैसला किया है। यह बात दिल्ली के ट्रांसपॉर्ट मंत्री कैलाश गहलोत ने कही। नैशनल ग्रीन ट्राइब्यूनल ने दिल्ली सरकार की ऑड-ईवन स्कीम को हरी झंडी दे दी थी, लेकिन ट्राइब्यूनल ने इसे लागू करने में कुछ शर्तें भी लगाई थीं। जैसे इस स्कीम में टू-वीलर्स, महिलाओं और सरकारी कर्मचारियों को छूट नहीं दी जाएगी। इसमें ऐंबुलेंस और इमर्जेंसी सर्विसेज के लिए छूट रहेगी। इस बार ऑड-ईवन स्कीम को लागू करने का फैसला जल्दबाजी में लिया गया, जिसके लिए दिल्ली सरकार को एनजीटी से फटकार भी सुननी पड़ी। महिलाओं और टू वीलर्स को छूट नहीं देने के एनजीटी के आदेश के बाद दिल्ली सरकार की चुनौतियां बढ़ गई हैं क्योंकि इससे पब्लिक ट्रांसपॉर्ट पर और ज्यादा भार बढ़ेगा।
अगर एनजीटी दिल्ली सरकार की पुनर्विचार याचिका स्वीकार करता है, तो दिल्ली सरकार मंगलवार से ऑड-ईवन दोबारा से लागू कर सकती है.इससे पहले एनजीटी ने अपने आदेश में कहा था कि वीआईपी, दो पहिया वाहनों और महिलाओं को ऑड-ईवन के दौरान छूट नहीं दी जा सकती. इस दौरान सिर्फ इमरजेंसी गाड़ियां जैसे एंबुलेंस, फायर ब्रिगेड, कूड़ा उठाने वाली गाड़ियों को छूट दी गई थी.इससे पहले NGT ने दिल्ली सरकार के इस फैसले पर कई सवाल दागे थे। ट्राइब्यूनल ने पूछा था कि आखिर यह फैसला इतनी जल्दबाजी में क्यों लिया गया। सेंट्रल पलूशन कंट्रोल बोर्ड और दिल्ली पलूशन कंट्रोल कमिटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि चार पहिया वाहनों के मुकाबले टू-वीलर्स से ज्यादा प्रदूषण होता है। कुल प्रदूषण में 20 प्रतिशत योगदान टू-वीलर्स से ही होता है। एनजीटी ने अपने फैसले में कहा था सरकार दिल्ली आने वाले सभी रास्तों के बार्डर पर जाम न लगें इसके लिए सभी प्राइवेट यातायात सर्विस देने वाले के साथ सरकार कोर्डिनेट कर सीएनजी बसें चला सकती हैं.