पावर कॉरपोरेशन प्रबन्धन की उत्पीड़नात्मक कार्यवाहियों के विरोध में एवं लंबित ज्वलन्त समस्याओं के समाधान के लिए बिजली इंजीनियरों द्वारा सोमवार से किया जाएगा प्रदर्शन

बरेली (हर्ष सहानी) : पावर कॉरपोरेशन प्रबन्धन की उत्पीड़नात्मक कार्यवाहियों के विरोध में एवं लंबित ज्वलन्त समस्याओं के समाधान हेतु बिजली इंजीनियरों का आंदोलन सोमवार 4 अक्टूबर से सोमवार को पूरे दिन काली पट्टी बांध कर जताएंगे विरोध :सार्थक समाधान नहीं होने पर 26 अक्टूबर से अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार करेंगे ,किसी भी अभियन्ता का उत्पीड़न होने पर सीधी कार्यवाही की चेतावनी देंगे।

उ0प्र0रा0वि0प0 अभियन्ता संघ ने ज्वलन्त समस्याआें के समाधान न होने एवं पावर कारपोरेशन प्रबन्धन के द्वारा जारी उत्पीड़नात्मक कार्यवाहियों के विरोध में कल 04 अक्टूबर से आन्दोलन प्रारम्भ करेंगे। समस्याओं का सार्थक समाधान न होने पर 26 अक्टूबर से सभी ऊर्जा निगमों में अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार प्रारम्भ कर दिया जायेगा।

अभियन्ता संघ के अध्यक्ष वी0पी0 सिंह एवं महासचिव प्रभात सिंह ने बताया कि अभियन्ताओं की लंबित ज्वलंत समस्याओं के निराकरण के लिए ध्यानाकर्षण हेतु 04 एवं 05 अक्टूबर को सभी ऊर्जा निगमों के तमाम अभियन्ता काली पट्टी बांध कर विरोध दिवस मनाएंगे व समस्त जनपद मुख्यालयों व परियोजनाओं पर 5 बजे विरोध सभा करेंगे। 6, 7 व 8 अक्टूबर को सायं 04 बजे से 05 बजे तक 01 घण्टे का कार्य बहिष्कार किया जायेगा। 11 एवं 12 अक्टूबर को सायं 03 बजे से 05 बजे तक 02 घण्टे का कार्य बहिष्कार किया जायेगा तथा 18 अक्टूबर से 23 अक्टूबर तक अपरान्ह 02 बजे से सायं 05 बजे तक 03 घण्टे का कार्य बहिष्कार किया जायेगा। 18 अक्टूबर से ही सभी ऊर्जा निगमों के अभियन्ता नियमानुसार कार्य आन्दोलन प्रारम्भ कर देगें जिसके अन्तर्गत सायं 05 बजे से अगले दिन प्रातः 10 बजे तक कोई कार्य नहीं करेंगे, साथ ही विद्युत अभियन्ता कार्य के समय में भी केवल अपने लिए ही निर्धारित कार्य करेंगे, अन्य कोई कार्य नहीं करेंगे। समस्याओं का सार्थक समाधान नहीं होने पर 26अक्टूबर से सभी अभियन्ता अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार प्रारम्भ कर देगें।

अभियन्ताओं की प्रमुख मांगे :-

सभी ऊर्जा निगमों का एकीकरण कर यूपीएसईबी लि0 का पुनर्गठन किया जाये, 06 अक्टूबर 2020 को कैबिनेट उप समिति के साथ हुए समझौते के तहत वाराणसी व अन्य स्थानों पर आन्दोलन के कारण दर्ज एफ0आई0आर0 वापस ली जाये, वर्ष 2000 के बाद नियुक्त सभी अभियन्ताओं के लिए पुरानी पेंशन प्रणाली लागू की जाये, अभियन्ताओं की सभी वेतन विसंगति दूर की जाये, ग्रेटर नोएडा के निजीकरण व आगरा के फ्रेंचाइजीकरण रद्द किये जायें, उत्पीड़न की दृष्टि से पदोन्नति के नियमों में किये गये प्रतिगामी परिवर्तन वापस लिये जायें, सभी संसूचित अस्पतालों में कैशलेस मेडिकल की सुविधा दी जाये, उत्पादन निगम में अधिशासी अभियन्ता पर अतिशीघ्र पदोन्नतियां की जायें तथा पावर कारपोरेशन प्रबन्धन द्वारा की गयी समस्त उत्पीड़नात्मक कार्यवाहियां वापस ली जायें,इंजीनियर प्रोटेक्शन एक्ट लागू किया जाए। अभियन्ता संघ ने अभियंताओं की लंबित ज्वलंत समस्याओं के सार्थक समाधान के लिए मा०ऊर्जा मंत्री जी और मा० मुख्यमंत्री जी से प्रभावी हस्तक्षेप करने की अपील की।
साथ ही अभियन्ता संघ ने चेतावनी दी है कि यदि किसी भी अभियन्ता का आन्दोलन के कारण उत्पीड़न किया गया तो बिना कोई नोटिस दिये सभी ऊर्जा निगमां के अभियन्ता सीधी कार्यवाही प्रारम्भ कर देगें जिसकी सारी जिम्मेदारी प्रबन्धन की होगी।

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