Bareiĺly News – वसीम रिज़वी की गिरफ़्तारी व विवादित किताब पर प्रतिबंध की मांग : फरमान मियां।

बरेली – सुन्नी बरेलवी मरकज़ दरगाह आला हजरत का 104 साल पुराना संगठन जमात रज़ा-ए-मुस्तफ़ा के राष्ट्रीय महासचिव व काज़ी-ए-हिंदुस्तान के दामाद फरमान हसन खान (फरमान मियां) ने आज जमात रज़ा के मुख्यालय पर अपना बयान जारी करते हुए हुक़ूमत-ए-हिन्द से वसीम रिज़वी के ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई करते हुए सज़ा दी जाने की मांग की। कहा कि मुसलमान पैग़ंबर-ए-इस्लाम की शान में गुस्ताख़ी कतई बर्दाश्त नहीं कर सकते। त्रिपुरा में पैग़ंबर-ए-इस्लाम की शान में गुस्ताख़ी व मुसलमानों पर हुए जुल्म ज्यादती के खिलाफ़ भी आवाज़ बुलंद की गई।


शिया सेंट्रल वक़्फ़ बोर्ड के सदस्य वसीम रिज़वी ने पैग़ंबर-ए-इस्लाम पर विवादित किताब लिखकर करोड़ों मुसलमानों की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है। लिहाजा वसीम रिज़वी की जल्द गिरफ़्तारी कर विवादित किताब पर प्रतिबंध लगाया जाए। लोकतंत्र में सबको जीने का अधिकार है। दोषियों को जेल भेजा जाए। मज़हबी पेशवाओं व रहनुमाओं के ख़िलाफ़ होने वाली बयानबाज़ी ख़िलाफ़ क़ानून की ज़रूरत है।

मज़हब-ए-इस्लाम के आखिरी पैग़ंबर हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम पर शिया सेंट्रल वक़्फ़ बोर्ड उप्र के सदस्य वसीम रिज़वी ने विवादित किताब लिखी है। जिसमें इस्लाम धर्म व पैग़ंबर-ए-इस्लाम की शान में गुस्ताखी की गई है। मुस्लिम समाज यह गुस्ताखी बर्दाश्त नहीं करेगा। वसीम रिज़वी समाज में नफ़रत फैला रहा हैं। सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिए आये दिन नई-नई चाल व योजनाएं बना रहा हैं। तथ्यविहीन व दूषित मानसिकता को बढ़ावा दे रहे हैं। उनके बयान व काली करतूतों से पता चलता है कि वह मानसिक रूप से बीमार हैं। अपनी काली करतूतों को छुपाने के लिए इस्लाम धर्म, पैग़ंबर-ए-इस्लाम, क़ुरआन शरीफ, सहाबा, मदरसा व मुसलमानों पर उलजलूल बयानबाजी करता रहता हैं। वसीम रिज़वी के इस घिनौने कृत्य से मुसलमानों में बहुत गुस्सा व रंजोगम है। उसके बावजूद मुसलमान सब्र से काम ले रहे हैं।
मुल्क की मौजूदा सूरत-ए-हाल इंतहाई नाज़ुक हो चुकी है और इस सूरते हाल में हुकूमत की यह ज़िम्मेदारी है कि वह अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत की तस्वीर को मुतास्सिर होने से बचाने के लिए ज़रूरी इक़दामात करे। अमन पसंद अवाम भारत सरकार से मांग करती है कि वसीम रिज़वी को तत्काल प्रभाव से गिरफ़्तार कर देशद्रोह के तहत मुकदमा पंजीकृत किया जाए। उनके द्वारा लिखित विवादित किताब पर प्रतिबंध लगाया जाए। साथ ही पैग़ंबर-ए-इस्लाम की शान में गुस्ताख़ी करने वाले यति नरसिंहानंद सरस्वती की भी गिरफ़्तारी की जाए तथा ऐसी दूषित मानसिकता वाले लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए ताकि देश में सौहार्द का माहौल बना रहे। वहीं जमात रज़ा के राष्ट्रीय महासचिव के हवाले से जमात रज़ा के प्रवक्ता समरान खान ने बताया त्रिपुरा की मस्जिदों व मुसलमानों की हिफ़ाजत के लिए उचित क़दम उठाया जाए। त्रिपुरा में मुसलमानों पर हुई घटना की सीबीआई जांच करवा कर दोषी संगठनों व लोगों पर सख्त कार्रवाई की जाए। त्रिपुरा के जो हालात बने हुए हैं उस पर पैनी नज़र रखी जाए और अल्पसंख्यकों की आबादी में भीड़ तंत्र द्वारा जो हमले हो रहे हैं उसे खत्म किया जाए। जो लोग दोषी हैं उन पर कार्रवाई हो चाहे वर किसी भी धर्म पंथ के मनाने वाले हों ।।

 

 

बरेली से मोहम्मद शीराज़ ख़ान की रिपोर्ट !

 

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