DELHI-केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन मंत्री श्री जी. किशन रेड्डी और संस्कृति राज्य मंत्री श्रीमती मीनाक्षी लेखी ने भारत के राष्ट्रीय अभिलेखागार का दौरा किया !

केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन मंत्री श्री जी किशन रेड्डी ने आज केंद्रीय संस्कृति राज्य मंत्री श्रीमती मीनाक्षी लेखी के साथ भारत के राष्ट्रीय अभिलेखागार, जनपथ, नई दिल्ली का दौरा किया।

श्रीमती मीनाक्षी लेखी और संस्कृति मंत्रालय के सचिव, श्री राघवेंद्र सिंह, और भारत के राष्ट्रीय अभिलेखागार के महानिदेशक, श्री चंदन सिन्हा, और अन्य अधिकारियों की उपस्थिति में रिकॉर्ड प्रबंधन, संरक्षण और डिजिटलीकरण गतिविधियों का जायज़ा लिया। मंत्री ने अनुसंधान कक्ष, पुराने भंडार, संरक्षण कक्ष, अभिलेखागार के पुराने भवन आदि का दौरा किया और कहा कि उन्हें भारत सरकार के गैर-वर्तमान अभिलेखों के सबसे समृद्ध और उत्तम संग्रहों में से एक को देखने का अवसर मिला है, जो भारत के गौरवशाली इतिहास और संस्कृति के लिए वसीयतनामा है। श्री रेड्डी ने कहा कि राष्ट्रीय अभिलेखागार दुनिया में अभिलेखागार के सबसे बड़े और प्रतिष्ठित केंद्रों में से एक है और इसमें 800 मिलियन पृष्ठों, साथ ही 5.7 मिलियन फाइलों और 1.2 लाख मानचित्रों का रिकॉर्ड है। उन्होंने कहा कि भविष्य की पीढ़ियों के लिए इस रिकॉर्ड को संरक्षित करना महत्वपूर्ण है। श्री रेड्डी ने भारत सरकार के महत्वपूर्ण समझौतों, विदेशी संधियों और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के व्यक्तित्व और कार्यों से संबंधित दस्तावेजों और बौद्ध संस्कृति से संबंधित दस्तावेजों के संरक्षण कार्य की सराहना की, जिसे राष्ट्रीय अभिलेखागार द्वारा भी अच्छी तरह से किया गया है। श्री रेड्डी ने आगे कहा कि इन अभिलेखों के डिजिटलीकरण का कार्य हो रहा है और आज़ादी के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में मनाए जा रहे ‘आज़ादी का अमृत महोत्सव’ के संदर्भ में कार्य में तेज़ी लाई जाएगी। यह एक मेगा प्रोजेक्ट है ताकि देश और दुनिया के लोग आसानी से अभिलेखीय सामग्री तक पहुंच सकें जो रिकॉर्ड पोर्टल पर उपलब्ध होगी। उन्होंने कहा कि यह शैक्षिक मूल्य के साथ-साथ जागरूकता पैदा करने में भी योगदान देगा। मंत्री ने आगे बताया कि अमृत महोत्सव के उत्सव के मद्देनज़र हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के जीवन, संघर्ष और संघर्ष से संबंधित रिकॉर्ड को प्राथमिकता के आधार पर डिजिटाइज़ करने का प्रस्ताव है ताकि आने वाली पीढ़ियों को देश की आज़ादी और उनके बलिदानों के बारे में पता चल सके। मीडिया के साथ अपनी बातचीत में, मंत्री ने आश्वासन दिया कि सरकार राष्ट्रीय अभिलेखागार में सभी अभिलेखों की संरक्षक है और सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना के दौरान उनकी पूरी सुरक्षा सुनिश्चित करेगी। भारत का राष्ट्रीय अभिलेखागार भारत सरकार के गैर-वर्तमान अभिलेखों का भंडार है और उन्हें प्रशासकों और विद्वानों के उपयोग के लिए ट्रस्ट में रखता है।

 

 

बरेली से मोहम्मद शीराज़ ख़ान की रिपोर्ट !

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