Delhi News : 14 पन्नों में आतंक के है सबूत फिर भी इमरान खान साहब को नहीं है मंजूर ?
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पुलवामा के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा था कि भारत उन्हें सबूत दे तो वे गारंटी देते हैं कि कार्रवाई करेंगे. रहन दीजिए खान साहब. कितने सबूत लीजिएगा. भारत से डोज़ियर ले लेकर आपकी अलमारियां भर चुकी है. मगर हिंदुस्तान में मारे गए हज़ारों बेगुनाहों के खून के एक भी कतरे का हिसाब नहीं हुआ. आप ही बताइये हुआ है क्या. होता तो क्या पुलवामा से लेकर संसद हमले तक का गुनहगार मसूद अज़हर बेखौफ आपके मुल्क में घूम रहा होता. 26/11 का गुनहगार हाफिज सईद आपके मुल्क में प्रधानमंत्री बनने के सपने बुन रहा होता. घाटी में नौजवानों को बरगलाने वाला सलाउद्दीन वहां फोटो खिचवा रहा होता. और अगर रत्ती बराबर भी आपको डोज़ियर की फिक्र होती तो क्या 1993 के मुंबई धमाकों का मास्टरमाइंड दाऊद इब्राहीम आपका मेहमान नहीं होता.
पाक पीएम इमरान खान ने कहा कि हमने सीधा-सीधा हिंदुस्तान को ऑफर किया है कि अगर आप किसी तरह की इन्वेस्टीगेशन चाहते हैं. तो पाकिस्तान पूरी तरह ताऊन (मदद) करने को तैयार है.
अब अगर आप सच में पुलवामा के गुनहगारों का कुछ करना चाहते हैं तो फिर देखिए 14 पन्ने के उस डोज़ियर को जिसे भारत की तरफ से पाकिस्तान को सौंप दिया गया है. उसमें दर्ज है आपके मुल्क की एक-एक कारगुज़ारियां. 14 पन्ने की फ़ाइल में पुलवामा हमले में जैश के हाथ होने के सबूत मौजूद हैं. आदिल डार के जैश से जुड़े होने के सबूत के तौर पर वीडियो टेप भी साथ है. लोकल फिदायीन को ट्रेंड करने वाले ग़ाज़ी के बारे में जानकारियां हैं. जैश कमांडर अब्दुल रशीद गाजी के भारत में घुसपैठ करने के सबूत हैं. पाकिस्तानी धरती पर पुलवामा हमले की प्लानिंग के पुख्ता सबूत हैं.
डार का वो बयान है जिसमें वो जैश का आतंकी होने पर फख्र कर रहा है. धमाके में इस्तेमाल गाड़ी के मालिक सज्जाद बट के बारे में जानकारियां हैं. सज्जाद के जैश आतंकी होने के सबूत के तौर पर जैश का पोस्टर है. जवाबी कार्रवाई में मारे गए कामरान की फोन पर बातचीत की ट्रांस्क्रिप्ट है. हमले से पहले जैश आतंकी कामरान की पाकिस्तान में बातचीत के सबूत हैं. मसूद का ऑडियो-वीडियो टेप जिसमें वो हमले पर खुशी जता रहा है. जैश सरगना अज़हर मसूद के भारत विरोधी ऑडियो भी डोज़ियर में हैं. पीओके के बालाकोट में टेरर कैंपों में ट्रेंड हुए आतंकियों की लिस्ट है. डोज़ियर में बहावलपुर में जैश के मुख्यालय के बारे में जानकारियां भी दी गई हैं.
कुल मिलाकर 14 पन्नों के डोज़ियर में पुलवामा के तमाम सबूत मौजूद हैं. जो सिर्फ इशारा ही नहीं कर रहे हैं बल्कि सबूत भी दे रहे हैं कि पुलवामा का असली गुनहगार है मसूद अज़हर. आदिल डार उसी का तैयार किया कश्मीरी आतंकी है जिसने सीआरपीएफ के काफिले पर हमला किया. अब्दुल रशीद गाज़ी उसी का सिपहसलार है जिसने हमले के लिए आईईडी तैयार किया. सज्जाद बट उसी का कारिंदा है जिसने धमाके के लिए इस्तेमाल कार का इंतज़ाम किया और कामरान उसी का कमांडर है जो आदिल के नापाक मंसूबों में उसके साथ साथ था.
14 पन्नों में 14 फरवरी की पूरी दास्तान को समेट कर ये डोजियर पाकिस्तान के कार्यवाहक उच्चायुक्त को सौंपा जा चुका है. साथ ही डोज़ियर के ज़रिए भारत ने पाकिस्तान से सख्त लहजे में कुछ बातें भी कही हैं. भारत की तरफ से कहा गया कि पाकिस्तान आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद पर प्रतिबंध लगाए. जैश सरगना मसूद अजहर को गिरफ्तार किया जाए. संसद भवन पर हमले के मामले में कार्रवाई की जाए. मसूद की संपत्ति को पाकिस्तान सरकार ज़ब्त करे. पुलवामा और पठानकोट हमले के मामले में भी कार्रवाई हो. पाकिस्तान अपनी जमीन पर आतंकवाद को बंद करे. दूसरे आतंकी संगठन और आकाओं पर भी कड़ी कार्रवाई की जाए.
पुलवामा हमले के बाद विश्व स्तर पर भारत ने जिस तरह अपना रुख पेश किया है उससे साफ हो गया है कि आतंक पर सच्ची कार्रवाई के लिए अब पाकिस्तान के पास ये आखिरी मौका है. क्योंकि भविष्य में भारत डोज़ियर से नहीं हथियारों से रण करेगा.