Delhi NCR : घरों से बाहर निकले लोग दिल्ली में महसूस किए गए भूकंप के तेज झटके, 6.6 रही तीव्रता

दिल्ली-एनसीआर में मंगलवार रात 10 बजकर 19 मिनट पर तेज भूकंप महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 6.6 मापी गई। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के मुताबिक भूकंप का केंद्र जमीन से 156 किलोमीटर गहराई में अफगानिस्तान का फायजाबाद रहा।

झटके इतने तेज थे कि लोग घबराकर अपने-अपने घरों से बाहर निकल आए। भूकंप के झटके दिल्ली समेत उत्तराखंड, पंजाब में भी महसूस किए। हर जगह अफरा-तफरी का माहौल रहा। दो से तीन बार भूकंप के झटके महसूस किए गए। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पाकिस्तान के इस्लामाबाद और कजाकस्तान में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए।

शकरपुर में इमारत झुकने की खबर निकली अफवाह
भूकंप के बाद खबर आई कि शकरपुर इलाके में चार मंजिला एक इमारत भूकंप के बाद झुक गई है। हालांकि जब दमकल विभाग के कर्मचारी मौके पर पहुंचे तो उन्हें ऐसा कुछ नजर नहीं आया और खबर को अफवाह बताया। दमकल विभाग ने बताया कि जामिया नगर, कालकाजी और शाहदरा इलाकों से झुकी हुई इमारतों और इमारतों में दरारों को लेकर कॉल प्राप्त हुईं।
इन इलाकों में दमकल विभाग की टीमें भेजी गई हैं ताकि पता लगाया जा सके कि वास्तव में क्या हुआ। प्रीत विहार के एसडीएम राजेंद्र कुमार ने बताया कि सूचना मिली थी कि शकरपुर इलाके में एक इमारत झुकी हुई है। अग्निशमन कर्मियों ने इमारत का निरीक्षण किया तो इमारत सुरक्षित और ठीक पाई गई। वह झुकी नहीं थी। एमसीडी के अधिकारियों और इंजीनियरों को भी बुलाया गया और भवन की जांच की गई।
कैसे आता है भूकंप
भूकंप के आने की मुख्य वजह धरती के अंदर प्लेटों का टकरना है। धरती के भीतर सात प्लेट्स होती हैं जो लगातार घूमती रहती हैं। जब ये प्लेटें किसी जगह पर आपस में टकराती हैं, तो वहां फॉल्ट लाइन जोन बन जाता है और सतह के कोने मुड़ जाते हैं। सतह के कोने मुड़ने की वजह से वहां दबाव बनता है और प्लेट्स टूटने लगती हैं। इन प्लेट्स के टूटने से अंदर की एनर्जी बाहर आने का रास्ता खोजती है, जिसकी वजह से धरती हिलती है और हम इसे भूकंप मानते हैं।
भूकंप की तीव्रता 
रिक्टर स्केल पर 2.0 से कम तीव्रता वाले भूकंप को माइक्रो कैटेगरी में रखा जाता है और यह भूकंप महसूस नहीं किए जाते। रिक्टर स्केल पर माइक्रो कैटेगरी के 8,000 भूकंप दुनियाभर में रोजाना दर्ज किए जाते हैं। इसी तरह 2.0 से 2.9 तीव्रता वाले भूकंप को माइनर कैटेगरी में रखा जाता है। ऐसे 1,000 भूकंप प्रतिदिन आते हैं इसे भी सामान्य तौर पर हम महसूस नहीं करते। वेरी लाइट कैटेगरी के भूकंप 3.0 से 3.9 तीव्रता वाले होते हैं, जो एक साल में 49,000 बार दर्ज किए जाते हैं। इन्हें महसूस तो किया जाता है लेकिन शायद ही इनसे कोई नुकसान पहुंचता है।
लाइट कैटेगरी के भूकंप 4.0 से 4.9 तीव्रता वाले होते हैं जो पूरी दुनिया में एक साल में करीब 6,200 बार रिक्टर स्केल पर दर्ज किए जाते हैं। इन झटकों को महसूस किया जाता है और इनसे घर के सामान हिलते नजर आते हैं। हालांकि इनसे न के बराबर ही नुकसान होता है।

ब्यूरो रिपोर्ट , आल राइट्स मैगज़ीन

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