MCD अस्पतालों के डॉक्टरों को सैलरी नहीं मिलने के मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने MCD को कोर्ट से लगी फटकार,
दिल्ली के कस्तूरबा हॉस्पिटल और बाड़ा हिंदू राव हॉस्पिटल में डॉक्टरों को सैलरी ना मिलने से जुड़े मामले में हाई कोर्ट ने नगर निगम को कड़ी फटकार लगाई है. कोर्ट ने कहा कि आप इतने व्यस्त हैं कि डॉक्टर्स को तनख्वाह देने का वक्त भी आपके पास नहीं है?
दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि हम रेजिडेंट डॉक्टर्स को लेकर फिक्र बंद है, जिनकी संख्या 300 से ऊपर है. इनकी हर महीने की तनख्वाह 2 करोड़ 10 लाख रुपए बनती है. एमसीडी ने कहा कि फिलहाल हमारे पास 10 करोड़ रुपये है और 17 से 18 करोड़ रुपये डॉक्टरों को तनख्वाह देने के लिए चाहिए.
एमसीडी ने कहा कि हम एक हफ्ते में सात-आठ करोड़ रुपए और अरेंज करके डॉक्टर्स की तनख्वाह का भुगतान कर देंगे. एमसीडी ने कोर्ट को कहा कि फिलहाल हमारे पास फंड की बेहद कमी है. कोरोना के चलते प्रॉपर्टी टैक्स से लेकर पार्किंग टैक्स तक में भारी कमी आई है, जिसके चलते हम फंड क्रंच से जूझ रहे हैं.
हाई कोर्ट में एमसीडी ने कहा कि यह सही है कि पिछले कुछ महीनों से हम डॉक्टरों को तनख्वाह नहीं दे पा रहे हैं, लेकिन डॉक्टरों को कोरोना के इस वक्त में हड़ताल पर नहीं जाना चाहिए. कोर्ट ने कहा कि हम कुछ देर के बाद दोबारा सुनवाई करेंगे. दिल्ली सरकार और आप मिलकर तय करिए कि डॉक्टरों को तुरंत तनख्वाह कैसे दी जा सकती है.
एमसीडी के अधीन आने वाले हिंदू राव हॉस्पिटल और कस्तूरबा हॉस्पिटल के डॉक्टरों को तीन-चार महीने से सैलरी नहीं मिली है. इस वजह से डॉक्टरों के सामने समस्या आ खड़ी हुई है. डॉक्टरों ने 18 जून तक सैलरी न मिलने पर सामूहिक इस्तीफे की धमकी दी थी. इस मामले में हाई कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया था.