रक्षा मंत्री अमरीका की पांच दिन की यात्रा पर
रक्षा मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण अमेरिकी रक्षा मंत्री जेम्स एन. मैटिस के निमंत्रण पर 2 दिसम्बर, 2018 से अमेरिका की पांच दिन की यात्रा पर हैं।
श्रीमती सीतारमण ने वाशिंगटन डीसी में रक्षा मंत्री मैटिस से मुलाकात की और वहां उनके सम्मान में रात्रि भोज का आयोजन किया गया। इस मुलाकात से पहले श्रीमती सीतारमण पेंटागन पहुंचीं, जहां श्री मैटिस ने उनकी अगवानी की। बैठक के दौरान दोनों नेताओं के बीच रक्षा क्षेत्र में भारत और अमेरिका के बीच बढ़ती साझेदारी पर बातचीत हुई। इसमें आपसी हित के कई द्विपक्षीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर भी विचार-विमर्श किया गया। दोनों मंत्रियों ने भारत और अमेरिका के बीच सामरिक साझेदारी के प्रमुख घटक के तौर पर द्विपक्षीय रक्षा सहयोग को और मजबूत करने के लिए जारी पहलों की समीक्षा की।
दोनों पक्षों ने सितम्बर, 2018 में सम्पन्न 2+2 वार्ता के विचार-विमर्श और नतीजों के आधार पर द्विपक्षीय रक्षा सहयोग को और मजबूत करने पर सहमति जताई। श्रीमती सीतारमण ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के महत्वाकांक्षी कार्यक्रम ‘मेक इन इंडिया’ के तहत रक्षा क्षेत्र में विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में जानकारी दी।
इससे पहले 3 दिसम्बर, 2018 को रक्षा मंत्री श्रीमती सीतारमण अमेरिकी विदेश विभाग गई, जहां उन्होंने पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज एच. डब्ल्यू बुश के शोक संदेश पर हस्ताक्षर किया। उन्होंने अर्लिंगटन में राष्ट्रीय कब्रिस्तान स्मारक में ‘टॉम्ब ऑफ द अन्नोन सोल्जर’ पर भी माल्यार्पण किया।
वाशिंगटन डीसी में बैठक के बाद श्रीमती सीतारमण आज रेनो जाएंगी, जहां वे अमेरिका में भारतीय समुदाय के कुछ चुनिंदा नेताओं से बातचीत करेंगी। इसके बाद श्रीमती सीतारमण सैन फ्रांसिस्को जाएंगी, जहां स्टैनफोर्ड में एक गोलमेज बैठक को संबोधित करेंगी। वे अमेरिकी रक्षा विभाग के रक्षा नवाचार इकाई (डीआईयू) जाएंगी और इससे जुड़े स्टार्टअप्स और उद्यम पूंजीवादियों से बातचीत करेंगी।
रक्षा मंत्री श्रीमती सीतारमण 5 से 7 दिसंबर 2018 तक हॉनोलूलू की यात्रा करेंगी, जो अमेरिकी प्रशांत कमान (पाकोम) का मुख्यालय है, इसको हाल ही में इंडो-पैकाम नाम दिया गया है। हॉनोलूलू की यात्रा के दौरान श्रीमती सीतारमण इंडो-पाकोम के कमांडर एडमिरल फिलिप एस. डेविडसन से बातचीत करेंगी। वे पर्ल हार्बर हिकम के ज्वाइंट बेस में अमेरिकी गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर का निरीक्षण करेंगी, जहां उन्हें इंडो-पाकोम की गतिविधियों के बारे में जानकारी दी जाएगी।