क्रिकेटरों की बीवियों, गर्लफ्रेंड्स की मौजमस्ती पर ब्रेक
क्रिकेटरों की बीवियों और गर्लफ्रेंड्स के लिए भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड कोई इंतजाम नहीं करेगा। प्रशासकों की समिति (सीओए) ने इस संबंध में बीसीसीआई का भेजा गया प्रस्ताव खारिज कर दिया है।
बोर्ड ने मांग की थी कि क्रिकेटरों की पत्नियों व गर्लफ्रेंड्स के लिए अलग से एक मैनेजर नियुक्त किया जाए। दक्षिण अफ्रीका के वर्तमान दौरे पर क्रमश: विराट कोहली, रोहित शर्मा, भुवनेश्वर कुमार, मुरली विजय, अंजिक्य रहाणे और ऋद्धिमान साहा की पत्नियां अनुष्का शर्मा, रितिका, नुपुर, निकिता, राधिका और रोमी साथ में गई हैं। उन्हें अपने पतियों के साथ वहां दो सप्ताह रहने की इजाजत दी गई है। न्यूलैंड्स में जारी पहले टेस्ट के बाद यह अवधि खत्म हो रही है। अगर सीओए की ओर से बोर्ड को हरी झंडी मिल जाती तो लॉजिस्टिक्स मैनेजर को क्रिकेटरों की पत्नियों व गर्लफ्रेंड्स का जिम्मा उठाना पड़ता। उनकी यात्रा और साइट-सीइंग की जिम्मेदारी भी फिलहाल लॉजिस्टिक्स मैनेजर की है।
एक रिपोर्ट के मुताबिक बोर्ड की ओर से क्रिकेटरों पत्नियों के लिए साउथ अफ्रीका में तमाम इंतजाम करने के लिए मयंक पारिख को लायजनिंग अधिकारी बनाकर चार जनवरी को साउथ अफ्रीका भेजने का इंतजाम किया था. लेकिन सीओए ने तीन जनवरी को बोर्ड की इस योजना पर वीटो कर दिया. सीओए का तर्क था कि जब ऋषिकेश उपाध्याय के तौर पहले से ही एक लायजनिंग अधिकारी टीम इंडिया के साथ है तो फिर क्रिकेटरों की पत्नियों के लिए दूसरे अधिकारी को भेजने की जरूरत नहीं है।
बोर्ड का प्रस्ताव था कि अगर किसी क्रिकेटर की पत्नी अपने पति की बल्लेबाजी खत्म होने के बाद मैच देखने की बजाय कहीं घूमना चाहती है तो फिर उसके सैरसपाटे का इंतजाम करने के लिए एक अलग अधिकारी की जरूरत होगी।
बोर्ड ने कभी इससे पहले क्रिकटरों की पत्नियों के लिए अलग से लायजनिंग अधिकारी की नियुक्ति नहीं की थी. कयास लगाए जा रहे हैं कि हाल ही में कप्तान कोहली के साथ हुई अनुष्का शर्मा की शादी के बाद ही ऐसी मांग की गई है।
हालांकि अभी यह साफ नहीं हो सका है कि यह मांग टीम इंडिया के मैनेजमेंट की ओर से की गई थी या फिर बोर्ड ने अपनी ओर से यह प्रस्ताव रखा था।