दुनिया में कोरोना का खतरा चीन में रोजाना 10 लाख केस, सरकार 4000 बता रही

चीन में कोरोना से हालात बदतर होते जा रहे हैं। लंदन की ग्लोबल हेल्थ इंटेलिजेंस कंपनी एयरफिनिटी का दावा है कि चीन में रोजाना 10 लाख कोरोना मरीज सामने आ रहे हैं। साथ ही 24 घंटे में 5 हजार मौतें हो रही हैं। ऐसा ही चलता रहा तो जनवरी में डेली केसेस बढ़कर 37 लाख पर पहुंच जाएंगे। वहीं, मार्च में यह आंकड़ा 42 लाख हो जाएगा।

हालांकि, चीन की ओर से आधिकारिक आंकड़ों में गुरुवार को महज 4 हजार नए मामले बताए गए। इसके पहले एयरफिनिटी ने अपने अनुमान में बताया था कि चीन में जीरो कोविड पॉलिसी खत्म होने के बाद 21 लाख मौतें हो सकती हैं। उधर, दुनिया में भी केस बढ़ रहे हैं। US में संक्रमितों का आंकड़ा 10 करोड़ के पार पहुंचा। जापान में 8 महीने में 41 बच्चों की जान जा चुकी है।

चीन के अस्पतालों में बेड कम पड़ रहे हैं। सामूहिक अंतिम संस्कार किए जा रहे हैं। इस बीच सरकार ने एक बार फिर बॉर्डर सील करना शुरू कर दिया है। युन्नान प्रांत में म्यांमार से सटे रुइली शहर में सीमा पार करने वालों पर नजर रखने के लिए कैमरे और अलार्म लगा दिए गए हैं। इतना ही नहीं मोशन सेंसर और इलेक्ट्रिफाइड फेंसिंग भी लगाई है।

2021 में भी चीन ने सीमाएं सील कर दी थीं। दूसरे देशों से गैरकानूनी तरीके से आने वाले लोगों को रोकने के लिए सीमा पर पेट्रोलिंग बढ़ा दी थी। रूस से सटे शहर हीये में कोविड के जिम्मेदार लोगों की सूचना देने पर 15 लाख का इनाम तक रखा गया था।

कोरोना से जुड़े आज के 3 बड़े अपडेट्स…

चीन के स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि एक हफ्ते के अंदर कोरोना का पीक आने की आशंका है इससे गंभीर मरीजों की संख्या बढ़ेगी, जिससे हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर पर भार आएगा।
शंघाई के एक अस्पताल ने अनुमान लगाया है कि चीन में अगले हफ्ते के आखिर तक 2.5 करोड़ लोग कोरोना से संक्रमित होंगे। एक्सपर्ट्स के अनुसार चीन में अगले साल तक 10 लाख से ज्यादा मौतें हो सकती हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) का कहना है कि उसे चीन से नए कोरोना मरीजों का कोई डेटा नहीं मिला है। हेल्थ एजेंसी के मुताबिक चीनी सरकार कोरोना केसेस की गिनती नहीं कर पा रही है।
चीन के बाद जापान में कोरोना का खतरा बढ़ गया है। जापान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, यहां 8वीं लहर आ चुकी है और ओमिक्रॉन वैरिएंट के कारण बच्चों की मौत हो रही है। 8 महीने में 41 बच्चों की जान जा चुकी है। चीन में बिगड़ते हालात ने जापान की चिंता को बढ़ा दिया है।
एक्सपर्ट्स का कहना है कि ओमिक्रॉन का नया वैरिएंट जानलेवा साबित हो सकता है। ओमिक्रॉन ने अब तक 41 बच्चों की जान ली है। इनमें से 15 बच्चे पहले से बीमार नहीं थे। इन 15 में से 4 बच्चों की उम्र एक साल से कम थी। 2 बच्चों की उम्र एक से 4 साल के बीच थी और 9 बच्चे 5 साल की उम्र से ज्यादा के थे।
US में संक्रमितों का आंकड़ा 10 करोड़ पार

अमेरिका में भी ओमिक्रॉन वैरिएंट लोगों के लिए मुश्किलें बढ़ा रहा है। जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, महामारी की शुरुआत से अब तक अमेरिका में कोरोना संक्रमितों की संख्या 10 करोड़ पार कर गया है। यहां कोरोना के 70% मामलों के लिए ओमिक्रॉन के नए सब-वैरिएंट्स को ही अहम वजह माना जा रहा है।

ओमिक्रॉन का वैरिएंट BF.7 क्या है?

कोरोना वायरस का एक वैरिएंट है ओमिक्रॉन। इसके कई सब वैरिएंट हैं, जैसे- BA.1, BA.2, BA.5 वगैरह। ओमिक्रॉन का ऐसा ही एक लेटेस्ट सब वैरिएंट है BA.5.2.1.7 जिसे शॉर्ट में BF.7 कहा जा रहा है।

BF.7 वैरिएंट कोरोना वायरस के स्पाइक प्रोटीन में एक खास म्यूटेशन से बना है जिसका नाम है R346T। एक्सपर्ट्स के मुताबिक इसी म्यूटेशन की वजह से इस वैरिएंट पर एंटीबॉडी का असर नहीं होता।

आसान शब्दों में कहें तो अगर किसी शख्स को पहले कोरोना हो चुका है या उसने वैक्सीन लगवाई है, तो उसके शरीर में एंटीबॉडी बन जाती है। BF.7 वैरिएंट इस एंटीबॉडी को भी चकमा देकर शरीर में घुसने में सक्षम है।

चीन में संक्रमण के हालात 2020 की याद दिला रहे हैं। तब से अब तक शी जिनपिंग सरकार ने इससे निपटने के लिए सख्त नियम लागू किए। जीरो कोविड पॉलिसी लाई गई। बेहद सख्त लॉकडाउन लगते रहे। तमाम दावों और वादों के बावजूद कोरोना कंट्रोल नहीं किया जा सका।

ब्यूरो रिपोर्ट , आल राइट्स मैगज़ीन

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