करतारपुर साहिब कॉरिडोर, पंजाब के डेरा बाबा नानक के यात्री टर्मिनल परिसर में निर्माण कार्य पूरे जोरों पर है

करतारपुर साहिब कॉरिडोर के लिए पंजाब के डेरा बाबा नानक में 500 करोड़ रुपये के पैसेंजर टर्मिनल कॉम्प्लेक्स का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है।

निर्माण कार्य प्रतिष्ठित कंपनी एम/एस शापूरजी एवं पल्‍लोंजी प्राइवेट लि. द्वारा लैड पोर्ट अॅथारिटी ऑफ इंडिया, गृह मंत्रालय की देखरेख में किया जा रहा है। नवंबर 2019 में श्री गुरु नानक देव जी की 550 वीं जयंती के उपलक्ष्य में इस परियोजना को 31 अक्टूबर तक पूरा किया जाएगा।

15 एकड़ जमीन पर पैसेंजर टर्मिनल कॉम्प्लेक्स बनाया जा रहा है। इसमें प्रतिदिन लगभग 5,000 यात्रियों को आसानी से गुजरने के लिए सभी सार्वजनिक सुविधाएं होंगी।

पैसेंजर टर्मिनल कॉम्प्लेक्स की विशेषताएं

1. पूरी तरह से वातानुकूलित इमारत 16000 वर्गमीटर (लगभग 13000 वर्गमीटर भूतल + 3000 वर्गमीटर मध्‍यतल)। मुख्य इमारत जो हवाई अड्डे की इमारतों के समान है: –

क) प्रतिदिन 5000 तीर्थयात्रियों की यात्रा की सुविधा के लिए 54 अप्रवासी काउंटर।

ख) 2000 तीर्थयात्रियों के बैठने की पर्याप्त बैठने की क्षमता।

ग) सभी आवश्यक सार्वजनिक सुविधाएं जैसे कियोस्क, वॉशरूम, चाइल्ड केयर, प्राथमिक चिकित्सा सुविधा, प्रार्थना कक्ष और मुख्य भवन के अंदर स्नैक्स काउंटर।

घ। 10 बसों, 250 कारों और 250 दो पहिया वाहनों के लिए विशाल पार्किंग स्थल।

च) सीसीटीवी निगरानी और पब्लिक एड्रेस सिस्‍टम के द्वारा साथ मजबूत सुरक्षा प्रणाली।

छ) जल निकायों के साथ लैंडस्केप क्षेत्र, कलाकृतियों, स्थानीय संस्कृति की मूर्तियां, बैठने की जगह, कैनोपी, शून्य बिंदु तक बेंच इत्‍यादि।

2. अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर एक 300 फीट का राष्ट्रीय ध्वज ।

250 से अधिक मजदूरों और 30 इंजीनियरों, जो 3 शिफ्टों में काम कर रहे हैं तथा बैच मिक्सिंग प्लांट मशीनरी की सहायता से पैसेंजर टर्मिनल कॉम्प्लेक्स का निर्माण कार्य किया जा रहा है।

पूरे परिसर की नींव की खुदाई का कार्य लगभग पूर्ण हो गया है जबकि मुख्य यात्री भवन के लिए प्लिंथ और कॉलम आरसीसी पहले ही शुरू हो चुका है। विभिन्न गतिविधियों को एक साथ पूरा करने के लिए समानांतर रूप से काम किया जा रहा है।

प्लिंथ, नींव और स्तंभों का निमार्ण साइट पर किया जाएगा जबकि बाकी इस्पात संरचना को अन्य स्थानों पर कारखानों में बनाया जाएगा और सीधे साइट पर ले जाकर स्थापित किया जाएगा।

मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल और प्लंबिंग कार्यों के लिए वेंडर और उपकेंद्रों को अंतिम रूप दिया गया है और छत के लिए स्टील संरचना, ग्लेज़िंग और एल्यूमीनियम शीटिंग के आदेश दिए गए हैं। एयर-कंडीशन, हीटिंग और वेंटिलेशन के विक्रय को भी अंतिम रूप दिया गया है।

समृद्ध पंजाबी विरासत, श्री गुरु नानक देवजी के जीवन और कार्यों के प्रदर्शन के लिए तथा अत्याधुनिक भवन की संरचना के लिए अमृतसर के आर्किटेक्चर स्कूलों से परामर्श लिया गया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

%d bloggers like this: