भारत का सविधान देश के हर नागरिक को अपने धर्म के अनुसार पालन करने की आज़ादी देता है: सलमान मिया

बरेली (मोहम्मद शीराज़ ख़ान)  – कर्नाटक में कुछ मुस्लिम लड़कियों द्वारा हिजाब पहनकर कक्षाओं में भाग लेने की अनुमति देने के विरोध के बीच, छात्रों के एक समूह ने फिर से भगवा स्कार्फ पहनकर अपने कॉलेज तक मार्च किया। उडुपी जिले के कुंडापुर के वीडियो में लड़के और लड़कियां कॉलेज की वर्दी पर स्कार्फ पहने हुए और कॉलेज जाते समय धार्मिक नारे लगाते दिख रहे हैं। कर्नाटक में ऐसी कई घटनाएं हुई हैं, जहां मुस्लिम छात्राओं को हिजाब में कॉलेजों या कक्षाओं में जाने की अनुमति नहीं दी जा रही है।

वहीं, हिजाब के जवाब में हिंदू स्‍टूडेंट भगवा स्‍कार्फ में कॉलेज आ रही हैं। बेलगावी के रामदुर्ग महाविद्यालय और हासन, चिक्कमंगलुरु और शिवमोगा में शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब या भगवा शॉल-स्‍कार्फ में छात्र-छात्राओं के आने की घटनाएं सामने आई हैं। कई संस्‍थानों ने इसे लेकर सख्‍त रुख अख्तियार किया है। जमात रज़ा के राष्ट्रिय उपाध्यक्ष सलमान मिया ने कहा कि देश में सम्प्रदियक माहौल बनाने की कोशिश की जा रही है और दूसरी तरफ सबका साथ सबका विकास का नारा दिया जा रहा है इस तरह से सबका विकास होगा। शिक्षा के क्षेत्र में लड़कियों को बेटी पढ़ाओं का कैसा काम चल रहा? इस तरह से बेटियां पड़ेगी ? हम कर्नाटका सरकार से मांग करते है कि जो इसके पीछे साजिशकर्ता हैं उन्हें चिन्हित करे और उन पर कठोर कार्यवाही करे जिससे भविष्य में कोई ऐसी हरकत न कर सके। संविधान के अनुच्छेद 25 से लेकर 28 तक धर्म की स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार के संबंध में उल्लेख किया गया है।

भारत प्राचीन काल से ही धर्म निरपेक्ष रहा है, यहां सभी धर्म के मानने वालों के साथ एक समान व्यवहार किया जाता है इसका मतलब यह है कि राज्य धर्म के मामले में पूरी तरह तटस्थ है। वह किसी भी धर्म के साथ नहीं है तथा राज्य का कोई धर्म नहीं है। राज्य प्रत्येक धर्म को समान रूप से संरक्षण प्रदान करता है वह किसी भी धर्म में हस्तक्षेप नहीं करता है। कर्नाटक में खुले आम हिजाब पहन कर स्कूल में जाने से रोका जा रहा है जोकि ये गैर संवैधानिक है। जमात रज़ा के प्रवक्ता समरान खान ने बताया हमारा सावंविधान हर नागरिक को अपने धर्म के अनुरूप पालन करने की आज़ादी देता है ।

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