कांग्रेस गुजरात की नब्ज नहीं पकड़ पा रही
कांग्रेस गुजरात चुनाव में उस नब्ज को नहीं पकड़ पा रही है जहां से माहौल को अपने पक्ष में बदला जा सके. अपने-आप को फक्र के साथ चायवाला बताने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी चुनावी रैलियों में जब इस पर कांग्रेस को घेरेंगे तो उस वक्त कांग्रेस के लिए जवाब देना मुश्किल होगा. लगता है इस बार भी कांग्रेस सेल्फ गोल मारने की अपनी आदत से बाज नहीं आने वाली है. 2007 के गुजरात विधानसभा चुनाव के वक्त भी कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने जब मौत का सौदागर वाला बयान दिया था तो उस वक्त भी बीजेपी इसे लपक ले गई. मोदी ने इस बयान को सीधे गुजरात की अस्मिता से जोड़ दिया और नतीजा कांग्रेस को मुंह की खानी पड़ी. बीजेपी के रणनीतिकारों को 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर का वह बयान आज भी याद है जब अय्यर ने कांग्रेस अधिवेशन के दौरान मोदी को बाहर टी-स्टाल लगाने के लिए कहा था. बीजेपी ने इस बयान को गरीबों के खिलाफ कांग्रेस की सोच के तौर पर लपक लिया. नतीजा कांग्रेस सफाई देती रह गई लेकिन, कोई सुनने वाला नहीं मिला.
गुजरात चुनाव के बीच मंझधार में बीजेपी और कांग्रेस आमने-सामने हैं. चुनाव के वक्त ही कांग्रेस अध्यक्ष बनने जा रहे राहुल गांधी पहले से ही अपने कार्यकर्ताओं को नसीहत दे रहे थे कि प्रधानमंत्री मोदी के ऊपर कोई निजी हमला नहीं करें. लेकिन, उनके उपदेश का असर नहीं हुआ. कांग्रेस ने यहीं गलती कर दी, जिसे लपकने के लिए बीजेपी पहले से ही तैयार बैठी थी.
22 साल से गुजरात की सत्ता में काबिज बीजेपी को इस बार चुनाव में चुनौती का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में बीजेपी अपने गेम प्लान के मुताबिक पहले से इस बात की तैयारी में है कि कांग्रेस कोई गलती करे और फिर वही गलती गेम चेंज हो जाए.