BIHAR-जाती जनगणना का प्रस्ताव प्रधानमंत्री तक पहुंचाने केलिए डेलीगेशन बनाए सीएम नितीश: तेजस्वी यादव
बिहार विधानसभा का मानसून सत्र का चौथा दिन था जहां हमलोगों ने कार्य स्थगन प्रस्ताव लाने का काम किया जातिय जन गाड़ना को लेकर जो हमारी मांग रही है उसको लेकर विधानसभा में दो बार सर्व सम्मति से पास किया गया
जिसमें पिछड़े समाज अति पिछड़े समाज को छोड़ दिया गया आपलोग जानते हैं कुत्ता बिल्ली से लेकर हर धर्म के लोगों की गिनती होती है साथ में ST और SC की तो होती ही है लेकिन जो बांकी के विचारधारा के लोग है उसे लेकर हमारी शुरू से मांग रही है कि जो शोषित परिवार है जो अंतिम पयदान पर है उसकी जबतक जानकारी नही होगी तबतक उनके लिए बजट में आप कोई योजना नही बना सकते, जब जानकारी होगी तभी उनके अनुसार योजना बनेगी और उनके आर्थिक लाभ के लिए योजना बनाकर लाभ पहुंचाया जा सकता है, जिसमें मुख्यमंत्री की प्रतिक्रिया कई बार सामने आई है वो एनडीए के एक पार्ट हैं और वो कहते हैं कि ये होना चाहिए लेकिन करेगा कौन यहां डबल इंजन की सरकार है, केंद्र सरकार ने स्पष्ट कहा है कि हम गिनती नही कराएंगे OBC या अन्य जाति या अति पिछड़ो की, हमारा मांग था कि हम सदन में प्रस्ताव लाकर अपनी मांग रखे पर बार बार हमें प्रस्ताव लाने से रोका जा रहा है इसलिए रोका जा रहा है कि इससे मुख्यमंत्री को कहीं दुविधा ना हो जाये और बीजेपी यहां से पास कर चुकी है और वहाँ केंद्र में सरकार बीजेपी की है तो वो मना कर रही है इसको लेकर हम चाहते हैं सभी विपक्षी नेताओं से इस संबंध में बात हुई है और हम ये प्रस्ताव देना चाहते हैं कि जब बिहार विधानसभा दो बार पारित कर दिया है तो हम इसे अंतिम मुकाम तक पहुंचाएंगे, और इसमे विधानसभा में कमिटी बननी चाहिए इसका नेतृत्व मुख्यमंत्री खुद करे और प्रधानमंत्री से समय लेकर वहां जाए और ये सारी बातें प्रधानमंत्री के समक्ष रखे अभी विपक्षी नेताओं के साथ फिर बैठक होनी है और उस बैठक में हम ये निर्णय लेंगे की हमलोग मुख्यमंत्री से मिलकर ये काम करे क्योंकि सदन में तो हमे सूना ही नहीं गया और ये मुद्दा शुरू से लालू यादव उठाते रहे हैं और जब मुख्यमंत्री को एतराज नही तो हम मुख्यमंत्री से मिलकर ये बात कहना चाहते हैं कि आप प्रधानमंत्री से मिलने का समय लीजिए और एक डेलिगेशन बिहार विधानसभा का यहां से जाए और usme सभी दल के लोग शामिल हो और प्रधानमंत्री से मिलकर जो भी छूटी हुई जातियां हैं। दूसरा मुख्यमंत्री से ये कहना चाहते हैं कि अगर आप डेलिगेशन नही बनाते हैं तो आप पक्ष धर है तो आप राज्य सरकार है और जैसे कर्नाटक सरकार ने अपने खर्च पर गिनती कराई तो आप भी घोषणा करे कि हम भी जाति जनगणना अपने खर्च पर कर रहे हैं।
पटना से अंजली की रिपोर्ट !