चंद्रबाबू नायडू को अमित शाह का खुला खत

24_03_2018-amit-chandrababu

तेलुगू देशम पार्टी के प्रमुख और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने पिछले दिनों एनडीए से अलग होने के बाद ये साफ कर दिया कि वह अब एनडीए के साथ गठबंधन में नहीं रहेंगे। इसके बाद भी बीजेपी नायडू को मनाने की कवायद में लगी हुई है। इसी कड़ी में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू को 9 पेज का खुला खत लिखा है।बीजेपी अध्यक्ष ने खत की शुरुआत में चंद्रबाबू नायडू और राज्य के 5 करोड़ तेलुगु भाषी लोगों को उगाड़ी पर्व की शुभकामनाएं दीं और उनके अच्छे स्वास्थ्य की कामना की है। इसके बाद उन्होंने तेलुगु देशम पार्टी द्वारा एनडीए का साथ छोड़ने को दुर्भाग्यपूर्ण व एकतरफा कदम बताया है।

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चंद्रबाबू नायडू ने केंद्र की एनडीए सरकार पर प्रदेश के साथ भेदभावपूर्ण रवैया अपनाने का आरोप लगाया है और वो लगातार राज्य के लिए विशेष दर्जे की मांग कर रहे हैं। इस पर अमित शाह ने सिलसिलेवार तरीके से चिट्ठी में चंद्रबाबू नायडू के आरोपों का न सिर्फ जवाब दिया है, बल्कि मोदी सरकार द्वारा राज्य के लिए किए गए कामों को भी गिनाया है।उन्होंने लिखा कि मुझे डर है कि यह फैसला विकास की चिंताओं की बजाय राजनीतिक विचारों द्वारा निर्देशित होता हुआ दिखाई दे रहा है।

अपने खत में शाह ने नायडू को एक बार फिर विश्वास दिलाते हुए लिखा कि बीजेपी, सबका साथ सबका विकास के सिद्धांत पर चलने वाली पार्टी है। आंध्र का विकास हमारे राष्ट्र विकास के एजेंडे में शामिल है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने किसी भी वादे को अधूरा नहीं छोड़ेंगे।

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इस चिट्ठी के माध्यम से अमित शाह ने चंद्रबाबू नायडू को उस समय की याद दिलाई जब आंध्र-प्रदेश का विभाजन किया जा रहा था। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने लिखा कि जब आंध्र प्रदेश के बंटवारे की चर्चा हो रही थी तो भारतीय जनता पार्टी ने ही तेलगू के लोगों के सुरक्षा और विकास के लिए आवाज उठाई थी। उन्होंने याद दिलाते हुए कहा कि जब आपकी पार्टी के पास लोकसभा और राज्यसभा में आवश्यक नंबर नहीं थे तो बीजेपी ने ही आपकी मदद की थी।

अमित शाह की चिट्ठी से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी चंद्र बाबू नायडू से फोन पर बात कर चुके थे। उनके निवेदन के बावजूद चंद्रबाबू नायडू ने अपने मंत्रियों के इस्तीफे के फैसले को नहीं टाला था। उन्होंने कहा था कि मैं चार साल तक चुप रहा लेकिन अब मेरी चुप्पी आंध्र के लोगों के लिए नाइंसाफी होगी।

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