केन्द्र ने चक्रवात प्रभावित ओडिशा को 1000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त सहायता की घोषणा की
चक्रवाती तूफान फानी से प्रभावित ओडिशा के क्षेत्रों में समन्वय के प्रयासों और पुन: स्थापना के उपायों को जारी रखते हुए कैबिनेट सचिव श्री पी. के. सिन्हा के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन समिति (एनसीएमसी) की लगातार सातवीं बार आज फिर से बैठक हुई।
प्रधानमंत्री ने प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण करने तथा ओडिशा सरकार के साथ राहत और बचाव के प्रयासों का जायजा लेने के बाद राज्य को 1000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त सहायता देने की घोषणा की थी। इसी के अनुरूप केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने राज्य को 1000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि जारी करने की घोषणा की। इससे पहले ओडिशा के राज्य आपदा मोचन कोष (एसडीआरएफ) को 341 करोड़ रुपये की राशि अग्रिम तौर पर उपलब्ध कराई जा चुकी है।
ओडिशा ने सूचित किया है कि राज्य के चक्रवात प्रभावित क्षेत्रों में बिजली और दूरसंचार संबंधी बुनियादी ढांचे की बहाली पहली प्राथमिकता है। लगभग 50 प्रतिशत बिजली बहाली की खबर है, जबकि भुवनेश्वर और पुरी में और अधिक काम किए जाने की आवश्यकता है। चक्रवाती तूफान के कारण पहले स्थगित कर दी गई नीटपरीक्षा अब 20 मई को आयोजित की जाएगी। केंद्र द्वारा भेजी गई दवाइयां प्राप्त हो चुकी हैं और बीमारियों को फैलने से रोकने के लिए हरसंभव उपाय किए जा रहे हैं।
राहत उपायों की समीक्षा करते हुए कैबिनेट सचिव ने इस बात पर जोर दिया कि बिजली को प्राथमिकता के आधार पर बहाल किये जाने की जरूरत है, क्योंकि पेयजल आपूर्ति, टेलीफोन कनेक्टिविटी और बैंकों के कामकाज के लिए बिजली की आवश्यकता है। ओडिशा के अनुरोध अनुसार, पुरी और खुर्दा में कनेक्टिविटी उपलब्ध कराने के लिए व्हीकल-माउंटेड मोबाइल टॉवर्स को तैनात करने के विकल्प की संभावनाओं का पता लगाने पर विचार किया जा रहा है।
ओडिशा में 2,500 से अधिक गैंगमैन बिजली लाइनों, सबस्टेशनों को बहाल करने के लिए काम कर रहे हैं। इस्पात मंत्रालय की ओर से 5,500 स्टील इलेक्ट्रिक पोल भिजवाए गए हैं और 14 मई तक 15,000 अतिरिक्त स्टील इलेक्ट्रिक पोल की आपूर्ति कर दी जाएगी। कैबिनेट सचिव ने बिजली बहाली के लिए और अधिक कर्मियों को लगाने का निर्देश दिया है। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि मोबाइल सेवा ऑपरेटरों को राज्य सरकार के साथ तालमेल बैठाते हुए अपने टावरों को ठीक कर चालू करने की आवश्यकता है।
पेट्रोलियम मंत्रालय ने सूचित किया है कि पेट्रोल और डीजल के अधिकांश रिटेल आउटलेट्स में काम शुरू हो चुका है और ओडिशा में डीजल और अन्य ईंधनों का पर्याप्त भंडार उपलब्ध है। प्रति 6000 लीटर क्षमता वाले डीजल के तीन मोबाइल डिस्पेंसर्स की सेवाएं ली जा रही हैं।
वित्त मंत्रालय ने बीमा कंपनियों को बीमा दावों को तेजी से निपटाने का निर्देश दिया है। राज्य स्तरीय बैंकिंग समिति से एटीएम के कामकाज सहित सभी बैंकिंग मुद्दों के समाधान के लिए एकत्र होने को कहा गया है।
रेलवे ने सभी लाइनों पर ट्रेन सेवाएं बहाल कर दी हैं। बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुए पुरी के यार्ड को 12 मई तक पूरी तरह से बहाल कर दिया जाएगा।
रक्षा मंत्रालय की ओर से ओडिशा में डीजल जेनरेटर भिजवाए गए हैं। नौसेना और भारतीय तटरक्षक बल के चार हेलीकॉप्टर राहत कार्यों में जुटे हुए हैं। नौसेना और आईसीजी भी चक्रवात प्रभावित लोगों के लिए सामुदायिक रसोईघर चला रहे हैं।
कैबिनेट सचिव ने केंद्रीय मंत्रालयों/एजेंसियों के अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे ओडिशा राज्य सरकार के साथ निकट समन्वय में काम करें और शीघ्रता से हरसंभव सहायता उपलब्ध कराएं।
ओडिशा के मुख्य सचिव/अपर मुख्य सचिव सचिव ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से एनसीएमसी की बैठक में भाग लिया। इस बैठक में गृह मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय, रेलवे, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय, बिजली मंत्रालय, दूरसंचार मंत्रालय, इस्पात मंत्रालय, वित्तीय सेवाओं और एनडीएमए के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी भाग लिया।