सीबीडीटी ने अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों को उपलब्ध कराई आईटीआर फाइलिंग जांच की सुविधा
सीबीडीटी ने अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों को उपलब्ध कराई आईटीआर फाइलिंग जांच की सुविधा
केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 138 की उप धारा (1) के खंड (ए) के उप खंड (ii) के तहत दिनांक 31.08.2020 को जारी अधिसूचना संख्या 71/2020 के अंतर्गत अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों से आईटी रिटर्न भरने की स्थिति के बारे में जानकारी हासिल करने के लिए अधिनियम की धारा 138 (1)(ए) में उल्लिखित शक्तियों का उपयोग करते हुए 31.08.2020 को एफ. एनओ. 225/136/2020/ITA.II में एक आदेश जारी किया है।
नकद निकासी से जुड़े डाटा से संकेत मिलते हैं कि ऐसे लोगों द्वारा भारी मात्रा में नकदी की निकासी की जा रही है, जिन्होंने आयकर रिटर्न कभी नहीं भरा है। इन लोगों द्वारा रिटर्न भरना सुनिश्चित करने और रिटर्न नहीं भरने वालों द्वारा की जाने वाली नकदी की निकासी पर नजर रखने तथा कालेधन पर शिकंजा कसने के लिए नॉन फाइलर्स (रिटर्न नहीं भरने वालों) के लिए वित्त अधिनियम, 2020 में 1 जुलाई, 2020 से टीडीएस की प्रयोज्यता के लिए नकद निकासी की सीमा घटाकर 20 लाख करने और नॉन फाइलर्स द्वारा 1 करोड़ रुपये से ज्यादा नकद निकासी पर अनिवार्य रूप से 5 प्रतिशत की दर से टीडीएस वसूलने का प्रस्ताव किया गया, जिसके लिए आयकर अधिनियम, 1961 में संशोधन कर दिया गया है।
आयकर विभाग पहले ही 1 जुलाई, 2020 से बैंकों और डाकघरों के लिए www.incometaxindiaefiling.gov.in पर “यू/एस 194 एन की प्रयोज्यता के सत्यापन” की सुविधा उपलब्ध करा चुका है। इस सुविधा के माध्यम से बैंक/डाकघर नकद निकासी करने वाले व्यक्ति का पैन दर्ज करके आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 194 एन के अंतर्गत लागू टीडीएस की दर की जानकारी ले सकते हैं।
विभाग ने अब एक नई सुविधा “आईटीआर फाइलिंग अनुपालन जांच” शुरू की है, जो बल्क मोड यानी बड़ी संख्या में पैन की आईटी रिटर्न भरने की स्थिति की जांच के लिए अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (एससीबी) को उपलब्ध होगी। प्रमुख आयकर महानिदेशक (सिस्टम) ने अनुसूचित बैंकों को उल्लिखित जानकारी उपलब्ध कराने के लिए प्रक्रिया और प्रारूप अधिसूचित कर दिया है। इस सुविधा की मुख्य विशेषताएं इस निम्नलिखित हैं :
- “आईटीआर फाइलिंग अनुपालन जांच” तक पहुंच : एससीबी के प्रधान अधिकारी और नामित निदेशक, जो आयकर विभाग के रिपोर्टिंग पोर्टल (https://report.insight.gov.in) के साथ पंजीकृत हों, वे अपने क्रिडेंशियल (परिचय) का उपयोग करते हुए रिपोर्टिंग पोर्टल पर लॉगइन करने के बाद इस सुविधा का इस्तेमाल कर सकेंगे। सफलतापूर्वक लॉगइन करने के बादरिपोर्टिंग पोर्टल के होम पेज पर “आईटीआर फाइलिंग अनुपालन जांच” की सुविधा का लिंक सामने दिखने लगेगा।
- पैन के उल्लेख के साथ अनुरोध (इनपुट) फाइल तैयार करना : “आईटीआर फाइलिंग अनुपालन जांच” पेज पर “डाउनलोड सीएसवी टेम्पलेट” बटन पर क्लिक करके पैन का विवरण दर्ज करके सीएसवी टेम्पलेट डाउनलोड किया जा सकता है। डाउनलोड किए गए सीएसवी टेम्पलेट में पैन दर्ज करना होता है, जिसके लिए आईटी रिटर्न फाइलिंग स्थिति की आवश्यकता है। एक फाइल में पैन की वर्तमान सीमा 10,000 है।
- इनपुट सीएसवी फाइल में अपलोडिंग : अपलोड सीएसवी बटन पर क्लिक करके इनपुट सीएसवी फाइल अपलोड की जा सकती है। अपलोडिंग करते समय, “संदर्भ वित्तीय वर्ष” चुनने की आवश्यकता होती है। संदर्भ वित्त वर्ष वह साल है, जिसके लिए परिणाम की आवश्यकता है। यदि चिह्नित संदर्भ वर्ष 2020-21 है तो आकलन वर्ष 2017-18, 2018-19 और 2019-20 के लिए परिणाम उपलब्ध होंगे। अपलोडेड स्टेटस के साथ ही अपलोड की गई फाइल दिखने लगेगी।
- आउटपुट सीएसवी फाइल की डाउनलोडिंग : प्रोसेसिंग के बाद, पैन के साथ आईटी रिटर्न फाइलिंग स्टेटस से युक्त सीएसवी फाइल डाउनलोड के लिए उपलब्ध होगी और “स्टेटस” बदलकर उपलब्ध में परिवर्तित हो जाएगा। आउटपुट सीएसवी फाइल में पैन, पैन धारक का नाम, पिछले तीन आकलन वर्षों के लिए आईटी रिटर्न फाइलिंग स्टेटस का उल्लेख होगा। फाइल डाउनलोड होने के बाद, स्टेटस बदलकर डाउनलोडेड में तब्दील हो जाएगा और फाइल की उपलब्धता के 24 घंटों के बाद डाउनलोड लिंक एक्सपायर हो जाएगा और स्टेटस बदलकर एक्सपायर्ड हो जाएगा।
अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक अपने बैंक के कोर बैंकिंग सॉल्युशन के साथ प्रक्रिया को स्वचालित और एकीकृत करने के लिए एपीआई आधारित एक्सचेंज का उपयोग भी कर सकते हैं। अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों को उचित सूचना सुरक्षा नीतियों और प्रक्रियाओं के लिखित दस्तावेज और कार्यान्वयन की आवश्यकता होती है, जिसमें सूचना की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए स्पष्ट रूप से भूमिकाओं और जिम्मेदारियों का वर्णन किया गया हो।