ज़िन्दगी की जंग हार गए बुन्दन चाचा।नही आये लॉकडाउन में फसे बच्चे।पड़ोसियों ने किया सुपुर्द ए खाक !
आपको बता दिया जाए जयपुर में फसे बच्चो को देखने के लिए एक बूढा ब्यक्ति आखिरी सांसे गिन रहा था।
उसके दोनों फेफड़े बेकार हो चुके थे ।जब तक सांसे चल रही थी जब तक इंतजार चल रहा था लेकिन आज उनकी आंखें बंद हो गई।पड़ोसियों ने ही उनको सुपर्द ए खाक किया।पिता की आंखे फिर भी आखिरी पल में कुछ देखने की आज़माइश कर रही है।
नवाबगंज से सज्जाद सईद की रिपोर्ट