सासाराम पहुँचने वाली बसों में शराब बनाने का मटेरियल लाया जा रहा है
सासाराम- सीमावर्ती झारखण्ड राज्य के गढ़वा, डाल्टेनगंज, रांची, टाटा से नियमित सासाराम पहुँचने वाली बसों से यहाँ शराब बनाने के रा मटेरियल लाये जा रहे हैं। जिससे यहाँ छोटे-छोटे स्तर पर शराब कारखाने चल रहे हैं। बुधवार को सासाराम बस पडाव में गढ़वा से आई धर्मवीर बस सर्विस की एक बस के रुकते ही पहले से घात लगाए उत्पाद विभाग के दस्ते ने उसे चारों तरफ से घेर लिया। सवारियों के उतरते ही उसकी तलाशी ली जाने लगी। बस के पिछले हिस्से में बने तहखाने में 32 पेटियां मिलीं।बस कंडक्टर ने बताया की बस के ही एक सवारी ने इसे किराया भुगतान कर रखवाया था।
उसमे क्या है, उसकी उसे जानकारी नही है. काफी खोज बीन के बाद भी उन पेटियों के दावेदार के सामने नहीं आने पर छापामार दस्ते को शक हुआ। पेटियां खोली गयीं तो हर पेटी में 450 एमएल की 20 बोतलें मिली। जिन पर “मदर टिंक्चर” नाम अंकित था। एक बोतल के कॉर्क खोले गए तो स्प्रिट का गंध भभका। उत्पाद दस्ते को समझते देर नहीं लगी कि यह शराब बनाने में प्रयुक्त होने वाली मुख्य सामग्री है। डाल्टेनगंज निवासी मनोज कुमार सिंह नामक बस कंडक्टर को तत्काल हिरासत में ले लिया गया। छापामार दस्ते का नेतृत्व कर रहे उत्पाद निरीक्षक संजय कुमार चौधरी ने बताया कि बरामद 32 पेटियों में कुल 640 बोतलें मिली हैं। इससे यही लगता है कि कोई ना कोई इसे मंगाने वाला होगा। इससे शराब बनाए जाने का कारोबार चलता होगा। कुछ दिनों से झारखण्ड से आने वाली बसों से इस तरह से इन सामग्रियों के लाये जाने की गुप्त सूचना मिली थी। जिस पर कारवाई चल रही थी। आज पुष्ट सूचना के आधार पर बस को निशाने पर टिकाया गया था। इधर सूत्रों की माने तो हाल के महीनों में यहाँ के प्रशासनिक महकमे में शराब के विरुद्ध चलने वाली कारवाई को एक तरह से शिथिल कर रखा गया था। इसी का फायदा उठा शराब के कारोबारी झारखण्ड से इस बसों के माध्यम से शराब बनाने की सामग्रियां मंगा रहे थे। शराब तस्करी का तार सीधे झारखण्ड के शहरों से जुडा बताया जाता है। अब वे बसों से सीधे शराब ना मंगा कर उसके रा मटेरियल ही मंगाते हैं। अधिकारियों ने बताया कि बस कंडक्टर से पूछताछ चल रही है। उसने अभी थोड़ा बहुत खुलासा किया है। आशा है कि जल्द ही इस कारोबार में शामिल लोगों तक पहुंचा जा सकता है।