दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने के मुद्दे पर भाजपा का झूठ जनता के सामने हुआ बेनकाब
*आम आदमी पार्टी भाजपा को चुनौती देती है कि साबित करें, कब और कहां सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा ना देने की बात कही है :गोपाल राय*
*नई दिल्ली 30 मार्च 2019*
शनिवार को एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए दिल्ली प्रदेश संयोजक एवं कैबिनेट मंत्री गोपाल राय ने कहा कि जब से आम आदमी पार्टी ने पूर्ण राज्य का आंदोलन शुरू किया है, तब से भाजपा बुरी तरह से बौखलाई हुई है, और भाजपा के नेता पूर्ण राज्य के मुद्दे को लेकर दिल्ली और देश की जनता के सामने झूठी झूठी दलीलें पेश कर रहे हैं।
भाजपा के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी जी ने हाल ही में सोशल मीडिया के माध्यम से ट्विटर पर चौपाल नामक एक कार्यक्रम का आयोजन किया, और जनता के सवालों के जवाब दिए। सवालों के जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने से मना किया है, जो कि बिल्कुल ही झूठ और बेबुनियाद है।
किसी भी पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष जिसकी केंद्र में सरकार हो बिना तथ्यों के सुप्रीम कोर्ट के संबंध में इतना बड़ा झूठ कैसे बोल सकता है।
उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के 5 जजों की बेंच द्वारा 4 जुलाई 2018 को इस संबंध में फैसला सुनाया गया था, और सर्विसेज से जुड़ा मुद्दा 2 सदस्यों की बेंच को हस्तांतरित कर दिया गया था, जिस पर 14 फरवरी 2019 को अपना फैसला सुनाया था।
4 जुलाई 2018 के सुप्रीम कोर्ट के फैसले में कोर्ट ने साफ तौर पर कहा था कि उपराज्यपाल के पास कोई स्वतंत्र शक्ति नहीं है, और वह निर्वाचित सरकार की सहायता एवं सलाह से ही सभी कार्य करेंगे। इस आदेश के साथ सर्विसेज एवं एसीबी का मामला 2 सदस्यों की बेंच को हस्तांतरित कर दिया था। इन दोनों मसलों पर दो सदस्य बेंच में सुनवाई की, और सुनवाई के बाद 14 फरवरी 2019 को एक आदेश जारी करते हुए 3 सदस्य बेंच को यह मामला हस्तांतरित कर दिया गया।
सुप्रीम कोर्ट के इन दोनों ही आदेशों में सुप्रीम कोर्ट ने कहीं भी दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा ना देने की बात नहीं कही है। इन दोनों ही आदेशों के मुताबिक दिल्ली में उपराज्यपाल और दिल्ली सरकार के अधिकार क्षेत्रों को तय किया गया है, और बताया गया है कि उपराज्यपाल को दिल्ली सरकार की सहायता एवं सहमति के साथ ही काम करना होगा।
सुप्रीम कोर्ट ने मात्र एक टिप्पणी की थी, कि चूंकि दिल्ली एक केंद्र शासित प्रदेश है, इसीलिए यहां पर उप राज्यपाल के अधिकार क्षेत्र भी हैं, और चुनावी प्रक्रिया का निर्वहन भी किया जाता है।
गोपाल राय ने आम आदमी पार्टी की ओर से भाजपा एवं प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी के समक्ष पांच प्रश्न रखें जो निम्न प्रकार से हैं….
1- हमारे संज्ञान में दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा को लेकर सुप्रीम कोर्ट में कोई केस दायर नहीं हुआ है, अगर हुआ है तो मनोज तिवारी बताएं वह कौन सा केस है?
2- यह केस किसकी तरफ से दायर किया गया है उसका नाम बताएं?
3- क्या मनोज तिवारी जी नहीं जानते कि दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा संसद में बिल पास करके दिया जा सकता है, जैसा कि 2003 में एलके आडवाणी जी ने प्रस्ताव रखा था। या फिर वह जानबूझकर दिल्ली की जनता को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं?
4- मनोज तिवारी कहते हैं क्योंकि केजरीवाल जनवरी 2014 में रेल भवन पर धरने पर बैठे थे, तो दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा नहीं दिया जा सकता। भाजपा एवं मनोज तिवारी बताएं कि फिर 2014 लोकसभा चुनाव में भाजपा ने किस आधार पर अपने घोषणा पत्र में दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की बात कही थी?
5- दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने पर भाजपा अपना पक्ष बताए, क्या मनोज तिवारी के बयान को भाजपा का आधिकारिक बयान समझा जाए?
*आम आदमी पार्टी करेगी अपने मेट्रो कैंपेन की शुरुआत*
एक अन्य बिंदु पर बात करते हुए गोपाल राय ने कहा कि पूर्ण राज्य आंदोलन को आगे बढ़ाते हुए आम आदमी पार्टी अपना मेट्रो कैंपेन कल शुरू करने जा रहा है। कल आम आदमी पार्टी का महिला संगठन राजीव चौक मेट्रो स्टेशन से इस कैंपेन की शुरुआत करेगा, और आगे चलकर यह कैंपेन दिल्ली के सभी मेट्रो स्टेशन तक ले जाया जाएगा।
कल दोपहर 2:00 बजे राजीव चौक मेट्रो स्टेशन पर इस कैंपेन की शुरुआत की जाएगी। जिसमें 4-4 महिलाओं की कई सारी टीमों का गठन किया गया है। राजीव चौक मेट्रो स्टेशन के कुल आठ गेट हैं, सभी गेट पर चार महिलाओं की एक एक टीम खड़ी होगी। यह टीम अरविंद केजरीवाल जी द्वारा पूर्ण राज्य पर लिखी गई चिट्ठी को मेट्रो में आने जाने वाले लोगों को वितरित करेगी, ताकि इस आंदोलन को जन-जन तक पहुंचाया जा सके।