Bihar News:जल- जीवन- हरियाली योजना पर हुई कार्यशाला।

सौरभ कुमार,गया(बिहार)

गया। जिला परिषद सभागार में जल- जीवन- हरियाली को लेकर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का शुभारंभ जिलाधिकारी अभिषेक सिंह के कर कमलों से दीप प्रज्वलन कर किया गया। कार्यशाला को संबोधित करते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि जल शक्ति अभियान में गया जिला का प्रदर्शन सबसे अच्छा रहा है और इसमें सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी, प्रोग्राम ऑफिसर, वन विभाग के अधिकारी, जिला स्तर के पदाधिकारी का योगदान रहा है। सभी ने एक टीम के रूप में कार्य किया और इसके लिए सब सम्मान के भागीदार बन गए हैं। उन्होंने कहा कि जो कार्य हो रहे हैं उनका दस्तावेज रखा जाए साथ ही उसे मेंटेन भी किया जाए।


उन्होंने कहा कि गया में पानी की समस्या है लेकिन स्थिति को बेहतर किया जा सकता है। गया में नदी नहीं है इसलिए हम भूगर्भ जल एवं धरातलीय जल का उपयोग कर सकते हैं। हमें ग्राउंड वाटर को रिचार्ज करना होगा। जो जलाशय अस्तित्व में हैं या जो हमारे परंपरागत जल स्रोत हैं उन्हें पुनर्जीवित करना होगा। उन्होंने कहा कि मैं ने चेकडैम से कई स्थलों की सूरत बदलते देखा है। गया में पानी की समस्या एक आपदा के तरह आया जान पड़ता है। प्राकृतिक प्रत्येक आपदा के पहले कई संकेत देती है। गया में 10 साल से सुखाड़ आ रहा है। जलापूर्ति के लिए सूखाग्रस्त क्षेत्रों में 186 टैंकर चलाने पड़े, हीट स्ट्रोक का प्रभाव रहा। उन्होंने कहा कि पूर्व में भी बरसात कम रहा है लेकिन पूर्व में ऐसी परिस्थिति नहीं आई थी। मिट्टी की आद्रता कम हो रही है। ये सभी संकेत हैं जल आपदा का। उन्होंने कहा कि समाज कल्याण के लिए सरकारी संस्थाओं के साथ-साथ निजी संस्थाओं को भी अपनी भूमिका निभानी होगी नहीं तो अंत में सबसे ज्यादा हम लोगों को ही झेलना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि इस योजना को अन्य योजना से अलग समझकर इसमें रुचि लेनी पड़ेगी क्योंकि इससे हमारा भविष्य जुड़ा है। उन्होंने कहा कि जल – जीवन-हरियाली योजना के अंतर्गत 2019-20 के लिए दिए गए लक्ष्य को हर हाल में पूर्ण करना है।

उन्होंने इस योजना के लिए जन जागरूकता हेतु दीवाल लेखन एवं वॉल पेंटिंग कराने का निर्देश दिया। साथ ही सभी अवसरों पर जल जीवन हरियाली का लोगों एवं स्लोगन का प्रयोग करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि इसके साथ साथ पौधारोपण भी कराना होगा। इस वर्ष 17 से 18 लाख पौधे लगाए गए हैं। अगले साल 50 लाख पौधारोपण करना होगा। इसके लिए पूर्व से सेंपलिंग्स की व्यवस्था करनी होगी। उन्होंने कहा कि जल शक्ति अभियान में गया का प्रथम स्थान रहने के कारण संपूर्ण बिहार गया को देख रहा है। अब गया मनरेगा में भी पीछे रहेगा तो या ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि जितने भी जलाशय हैं उनमें से 60% का जीर्णोद्धार वर्ष 2019-20 में तथा 40% का जीर्णोद्धार 2020-21 में किया जाना है। हमें सभी रास्तों के किनारे पौधे लगाना है। साथ ही इस वर्ष जो पौधे लगाए गए हैं उन्हें भी सुरक्षित रखना है। इसके लिए वनपोषक को लगाया गया है लेकिन संबंधित पदाधिकारी को भी अनुश्रवण करना होगा।
चेकडैम का निर्माण वाटरसेड के अंतिम जगह पर करना होगा। जहां अत्याधिक पानी एकत्रित होता हो। सभी चापाकलों के साथ सॉकपिट का निर्माण कराना होगा। जलाशय, आहार, पाइन, कुआं जहां भी अतिक्रमण पाया जाता है संबंधित अंचलाधिकारी अतिक्रमण वाद जारी करेंगे तथा अतिक्रमण हटाने की जिम्मेदारी संबंधित विभाग एवं अंचलाधिकारी की होगी। संबंधित विभाग संसाधन उपलब्ध कराएंगे और यदि एक बार अतिक्रमण हटाया जाता है तो उसे अतिक्रमण मुक्त बनाए रखने की जिम्मेदारी संबंधित विभाग की होगी।
2 अक्टूबर2019 को सभी पंचायतों में विशेष ग्राम सभा का आयोजन किया जाना है। उन्होंने कहा कि जिन्होंने अच्छे कार्य किए हैं उन्हें सम्मानित किया जाए।
उन्होंने कहा कि पानी की समस्या गया के लिए नासूर बन गया है। उम्मीद है आप सभी के सहयोग से इसे दूर किया जा सकेगा।
इसके पूर्व उप विकास आयुक्त किशोरी चौधरी ने कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा कि 2 अक्टूबर 2019 को बिहार के माननीय मुख्यमंत्री द्वारा जल- जीवन- हरियाली योजना का शुभारंभ किया जा रहा है। एक एकड़ के नीचे के जलाशय का निर्माण मनरेगा से किया जाएगा तथा 1 एकड़ से ऊपर के जलाशय का निर्माण अन्य संबंधित विभाग द्वारा कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि लक्ष्य से अधिक सोख़्ता का निर्माण करें और जिला को आगे रखें। जिलाधिकारी द्वारा जल- जीवन -हरियाली योजना के सफल संचालन हेतु 9 सदस्यीय समिति का गठन किया गया है। जिसके द्वारा जल -जीवन- हरियाली योजना का अनुश्रवण किया जाएगा।
कार्यशाला को संबोधित करते हुए जिला वन प्रमंडल पदाधिकारी अभिषेक ने पौधों का महत्व बताते हुए अधिक से अधिक पौधारोपण करने और इसे सुरक्षित रखने को कहा।
कार्यक्रम का संचालन जिला ग्रामीण विकास अभिकरण के निदेशक संतोष कुमार द्वारा किया गया।
इस अवसर पर सहायक समाहर्ता के एम अशोक, अनुमंडल पदाधिकारी नीमचक बथानी, डीसीएलआर सदर एवं अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।

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