Bihar News : राष्ट्रीय प्रेस दिवस के अवसर पर गोष्ठी का हुआ आयोजन !
गया। जिलाधिकारी अभिषेक सिंह की अध्यक्षता में समाहरणालय सभाकक्ष में राष्ट्रीय प्रेस दिवस के अवसर पर डिजिटल युग में पत्रकारिता, आचारनीति और चुनौतियां विषय पर एक गोष्ठी का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ जिलाधिकारी अभिषेक सिंह के कर कमलों से दीप प्रज्वलित कर किया गया। इस अवसर पर उप विकास आयुक्त, किशोरी चौधरी, ए०एन०आई० के संवाददाता श्रीकांत, आज दैनिक समाचार के ब्यूरो चीफ अक्षय कुमार, राष्ट्रीय सहारा के ब्यूरो प्रमुख गोपाल प्रसाद सिन्हा, प्रभात खबर के वरिष्ठ मुख्य संवाददाता कंचन कुमार सिन्हा एवं अबतक के विमलेंदु चैतन्य, उप निदेशक, जनसंपर्क नागेंद्र कुमार गुप्ता के सहयोग से दीप प्रज्ज्वलित किया गया। इस अवसर पर उप निदेशक जनसंपर्क ने मीडिया की ओर से गुलाब का फूल देकर जिलाधिकारी महोदय का हार्दिक अभिनंदन किया, साथ ही उप विकास आयुक्त, नगर पुलिस अधीक्षक, विशेष कार्य पदाधिकारी, वरीय उप समाहर्ता, जिला नजारत शाखा को पुष्म प्रदान कर उनका हार्दिक अभिनंदन किया। जिलाधिकारी द्वारा उपस्थित प्रेस प्रतिनिधियों को बारी-बारी से गुलाब का फूल देकर उनका अभिनंदन किया गया। इस अवसर पर जिलाधिकारी ने प्रेस प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए कहा कि आज के डिजिटल युग में मीडिया के लिए तकनीक सबसे बड़ी चुनौती बन गई है, जिसके कारण खबरें बहुत तेजी से लोगों तक पहुंच रहे हैं, लेकिन आवश्यकता है इसे कैसे चेक एंड बैलेंस किया जा सके। उन्होंने कहा कि सभी संस्थाओं के लिए, चाहे वह कार्यपालिका, विधायिका एवं न्यायपालिका हो, सभी के लिए जवाबदेही निर्धारित है। उन्होंने कहा कि भारत का लोकतंत्र विश्व का सबसे मजबूत लोकतंत्र है और यह यहाँ की मीडिया की वजह से है। उन्होंन कहा कि मीडिया को लोकतंत्र का चौथा स्तंभ कहा जाता है। जिस तरह से जिला प्रशासन की अपनी सीमाएं हैं, उसी तरह मीडिया की भी अपनी सीमाएं हैं। मीडिया को यह सुनिश्चित करना है कि उसे जो भी जिम्मेदारी मिली है उसे अच्छी तरह समझे। मीडिया के समक्ष समय समय पर चुनौतियों आती रही है, चाहे वह तकनीक के रूप में हो, पारदर्शिता या आर्थिक बल के रूप में हो, मीडिया ने सभी चुनौतियों का सामना किया है और वह परिपक्व होकर उभर कर आया है। उन्होंने कहा कि मीडिया के हाथ के जो कैमरा है, वो समाज के लिए एक आईना है। मीडिया के द्वारा जो रिकॉर्डिंग की जाती है, उसे समझ बूझ कर समाज के सामने रखना जरूरी है। कई बार चीजें सही रहती है पर उसे समाज के पटल पर रखना घातक साबित होता है। मीडिया के समक्ष यह चुनौतियां हैं कि सही चीजों को समाज के सामने कैसे रखा जाए। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया आज के युग में प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के लिए बहुत बड़ी चुनौती है। आज मीडिया द्वारा समाचार संप्रेषित करने से पहले लोगों तक उस घटना की जानकारी पहुंच जा रही है। समाचार संप्रेषण में जल्दीबाजी होने के कारण कई बार गलत खबर भी लोगों तक पहुंच जाती है। उन्होंने कहा कि आज भी प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का उतना ही महत्व है, आज भी जब वे सुबह उठते हैं तो सबसे पहले अखबार पढ़ते हैं और दिन में दो चार बार न्यूज़ चैनल भी देखते हैं। उन्होंने कहा कि अब इंटरनेट के माध्यम से भी बहुत सारे समाचार लोगों तक पहुंच जाते हैं। आज भी लोगों को मीडिया पर विश्वसनीयता बनी हुई है और विश्वसनीयता को बनाए रखने की जिम्मेदारी मीडिया के ऊपर है। मीडिया को किसी भी घटना को उसके संपूर्ण परिवेश में देखकर समाचार के रूप में संप्रेषित करने की जरूरत है। नई तकनीक के आ जाने पर प्रिंट मीडिया और इलेक्ट्रॉनिक न्यूज़ चैनल वेबसाइट के माध्यम से पल-पल की खबरें हम तक पहुंचाते हैं। मीडिया समाज के माइंडसेट को बदलने की क्षमता रखता है। यह तकनीक की ही देन है कि किसी भी फोटो, वीडियो को परिवर्तित करके किसी भी रूप में रखा जा सकता है। इसलिए वैकल्पिक चैनल के माध्यम से उसकी जांच आवश्यक है। उन्होंने कहा कि भारत दक्षिण पूर्व एशिया के देशों में लोकतंत्र में अपनी विशेष पहचान रखता है तो वह यहां के मीडिया के कारण और मीडिया की परिपक्वता के वजह से । उन्होंने आशा की कि मीडिया इसे आगे भी कायम रखेगी।
इस अवसर पर ए०एन०आई न्यूज़ एजेंसी के संवाददाता श्रीकांत, आज दैनिक के ब्यूरो प्रमुख अक्षय कुमार, दैनिक जागरण के फोटो पत्रकार श्याम भंडारी, प्रभात खबर के वरीय मुख्य संवाददाता कंचन कुमार , न्यूज़ 18 के अरुण कुमार, अब तक के विमलेंदु चैतन्य, नेशन 24 के रमेश, दिनेश कुमार, दैनिक जागरण के नीरज, नगर पुलिस अधीक्षक, अनिल कुमार , विशेष कार्य पदाधिकारी, शंभू शरण पांडे ने अपने अपने विचार रखें। कार्यक्रम का संचालन उप निदेशक, जनसंपर्क नागेंद्र कुमार गुप्ता द्वारा किया गया। कार्यक्रम का समापन जिला पदाधिकारी, गया द्वारा गोष्ठी में की गई चर्चा के निष्कर्ष के साथ की गई।