Bihar News : जिला स्थापना दिवस के मौके पर विकास मेला का किया गया आयोजन,मंत्री ने सभी स्टॉलों का लिए जायजा
~विभिन्न विभागों द्वारा लगाये गये थे स्टॉल
~स्टॉल पर तैनात कर्मचारी सरकारी योजनाओं के बारे में दे रहे थे जानकारी
~कृषि स्टॉल पर उन्नत फसलों की लगायी गयी थी प्रदर्शनी
रिपोर्ट,मो.अंजुम आलम,जमुई (बिहार)
जमुई:-जमुई जिले के 28 वें स्थापना दिवस के मौके पर गुरुवार को शहर स्थित श्री कृष्ण सिंह मेमोरियल स्टेडियम के मैदान में विकास मेला का आयोजन किया गया।इससे पूर्व ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार,पूर्व मंत्री दामोदर रावत,पूर्व विधायक अजय प्रताप,सुमित सिंह,डीएम धर्मेंद्र कुमार,एसपी जगुनाथरेड्डी ने संयुक्त रूप से द्वीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का विधिवत उद्घाटन किया।इस समारोह के अवसर पर विकास मेले का आयोजन किया गया।
इस मेले में कई विभागों के स्टॉल लगाये गये थे। स्टॉल पर संबंधित विभाग से संबंधित जानकारियां आम लोगों को दी जा रही थी। स्वास्थ्य विभाग,कृषि विभाग, आत्मा, जीविका, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण संगठन, जिला नियोजन सह परामर्श केन्द्र सहित कई विभागों के स्टॉल लगे थे।
वहीं आत्मा द्वारा लगाये गये स्टॉल पर जैविक खाद से खेती करने और उत्पादित फसलों के बारे में जानकारियां दी जा रही थी। झाझा की एक महिला किसान मंजू भारती द्वारा उपजाये गये मूली के किस्म और जैविक ग्राम केडिया के किसानों द्वारा उत्पादित फसलों की प्रदर्शनी की जा रही थी।
काला मूली,चाइनिज बांधा गोभी,ब्रोकली,मशरूम सहित चावल,गेहूं के उत्पादों की प्रदर्शनी को देख आम लोग काफी उत्साहित थे। वहीं कृषि विभाग द्वारा लगाये गये स्टॉल पर कृषि विभाग की योजनाओं से संबंधित बुकलेट को बांटा जा रहा था। काउंटर पर तैनात महिलाएं और युवतियां वहां आने वाले सभी लोगों को बुकलेट देते हुए योजनाओं की जानकारी दे रहे थे।
जिला नियोजन सह परामर्श केन्द्र के स्टॉल पर राज्य सरकार द्वारा युवाओं के लिए चलाये जा रहे कार्यक्रमों की जानकारी दी जा रही थी। सात निश्चय कार्यक्रम के तहत जिन युवाओं को कौशल विकास प्रशिक्षण दिया गया और जिन्हें कामयाब मिली। उनके बारे में बता कर लोगों को उत्साहित किया जा रहा था। स्थापना दिवस के मौके पर जुटे लोग स्टॉल पर जाकर जानकारियां ले रहे थे। संबंधित अधिकारी भी स्टॉल का निरीक्षण कर रहे थे।आत्मा के निदेशक,कृषि वैज्ञानिक प्रमोद कुमार सहित कई लोग उत्पादों को दिखाते हुए वैज्ञानिक और जैविक विधि से खेती करने की सलाह दे रहे थे।