बिहार में नई सियासी जंग,राजनैतिक गलियारों में माहौल गर्म
नीतीश कुमार के महागठबंधन से अलग होते ही भारतीय जनता पार्टी (BJP) की अगुवाई वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में शामिल हो गए और राज्य में BJP के साथ मिलकर सरकार बना ली, और एक बार फिर मुख्यमंत्री बन गए. गौरतलब है कि नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाए जाने के विरोध में नीतीश ने करीब चार साल पहले BJP का 17 वर्ष पुराना साथ छोड़ दिया था. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस वर्ष भ्रष्टाचार के एक मामले में राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता और तत्कालीन उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के घिरते ही बेहद नाटकीय घटनाक्रम में न केवल मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया, बल्कि बिहार विधानसभा चुनाव के पूर्व लालूप्रसाद यादव की RJD और कांग्रेस के साथ मिलकर बनाए गए महागठबंधन को भी तोड़ दिया.
साल के अंतिम दिनों में बिहार के दिग्गज नेता लालूप्रसाद यादव चारा घोटाले के एक मामले में अदालत द्वारा दोषी पाए जाने के बाद जेल भेज दिए गए. बिहार में सियासत अभी उबाल पर है. लालू के बेटे और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जमकर आरोप लगा रहे हैं. इस साल बिहार की राजनीति में जो हलचल हुई, उसकी धमक केंद्र तक सुनाई दी. नए समीकरण बने, और जो कभी दोस्त थे, वे प्रखर विरोधी बन गए, और साल के जाते-जाते कद्दावर नेता जेल की सलाखों के पीछे पहुंच गए. इसी के साथ नई सियासी जंग भी शुरू हुई, बहराल बिहार की राजनीति के दो दिग्गज नेता मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद की दिनचर्या इन दिनों ट्वीट से शुरू होती है. ऐसा लगता है कि वे सुबह नास्ते से पहले ट्विटर पर ट्वीट कर एक-दूसरे पर हमला बोलते हैं. मगर अब अपने पिता लालू के बचाव में बेटे तेजस्वी यादव आ गए हैं.