बिहार: पूर्व स्पीकर उदय नारायण चौधरी ने छोड़ा जेडीयू, लगाए गंभीर आरोप

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बुधवार की सुबह बिहार की सियासत में एक बड़ा उलटफेर देखने को मिला। जी हां, कभी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के करीबी रहे पूर्व विधानसभा अध्यक्ष (स्पीकर) उदय नारायण चौधरी ने जदयू से किनारा कर लिया है। उन्‍होंने पार्टी की दलित विरोधी नीतियों के खिलाफ इस्‍तीफा दे दिया है। उन्होंने इशाराें में ही सही, कहा कि अब उनकी राह राजद की ओर जा रही है। उनका दावा है कि जदयू में भगदड़ तय है। उधर, इसपर प्रतिक्रिया देते हुए जदयू ने कहा कि उनके जाने से कोई फर्क नहीं पड़ता।

पार्टी छोड़ते वक्त लगाए ये आरोप

जदयू के कद्दावर नेता व पूर्व विधानसभा अध्‍यक्ष उदय नारायण चौधरी ने बुधवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने कहा कि वे 20 सालों से पार्टी को सींचते-संवारते रहे। लेकिन, इसमें कार्यकर्ताओं के बदले धन कुबेरों को तरजीह दी जा रही है। दलितों पर अत्याचार पर सरकार मौन है। राज्य की कानून-व्यवस्था भी खराब हो गई है। मुख्यमंत्री से बातचीत की, लेकिन कोई परिणाम नहीं निकला। इससे वे आहत हैं।

राजद में शामिल होने की संभावना

अपने अगले कदम की बाबत उदय नारायण चौधरी ने कहा कि अब वे सांप्रदायिक ताकतों के चंगुल से बाहर निकल गए हैं। इतना तो तय है कि जदयू-भाजपा या राजग में नहीं जाएंगे। शेष जो भी बचे, उनके साथ हैं। उन्होंने खुलकर तो नहीं कहा, लेकिन राजद में शामिल होने की संभावना से इन्‍कार भी नहीं किया। उदय नारायण चौधरी ने यह भी दावा किया कि जदयू में घट रहे लोगों का बड़ा तबका है। पार्टी में भगदड़ मचनी तय है।

देते आ रहे थे पार्टी विरोधी बयान

विदित हो कि उदय नारायण चौधरी बीते कुछ समय से पार्टी में हाशिए पर थे। वे समय-समय पर पार्टी लाइन के खिलाफ बयान देते रहे थे। इतना ही नहीं, वे राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के पक्ष में भी बोलते रहे थे।

जदयू ने कहा: उनके जाने से कोई फर्क नहीं पड़ता

उदय नारायण चौधरी के पार्टी छोड़ने पर जदयू के प्रवक्‍ता नीरज सिंह ने कहा कि यह उनका निजी फैसला है। इससे जदयू को कोई फर्क नहीं पड़ता। नीरज ने तंज कसते हुए कहा कि अब जबकि उदय नारायण चौधरी राजद में जा ही रहे हैं तो वहां विधानमंडल दल का नेता किसा दलित या महादलित को बनवा दें।

 

राजेश कुमार के साथ सोनू मिश्रा की रिपोर्ट ,पटना ( बिहार )

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