‘भारत रत्न’ और पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी का निधन, देश भर में शोक की लहर
पूर्व प्रधानमंत्री और भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी का लंबी बीमारी के बाद आज 94 साल की उम्र में निधन हो गया है. उन्होंने 5 बजकर 5 मिनट पर आंखिरी सांस ली. उनके निधन की खबर मिलते ही पूरा देश शोक में डूब गया है. पिछले 66 दिनों से उनका इलाज दिल्ली के एम्स में चल रहा था. यहां उन्हें यूरीन में इनफैक्शन की शिकायत के बाद 11 जून को भर्ती कराया गया था. साल 2009 में अटल जी को आघात (स्ट्रोक) लगा था और इसके बाद उन्हें बोलने में समस्या होने लगी थी. करीब तीन सालों से उन्हें किसी सार्वजिक सभा में नहीं देखा गया.
डॉक्टरों ने आज जारी बुलेटिन में बताया कि अटल बिहारी वाजपेयी की हालत कल रात की ही तरह बनी हुई थी. डॉक्टरों ने आखिरी समय तक पूर्व पीएम वाजपेयी के बेहतर स्वास्थ्य के लिए मेहनत की लेकिन अनहोनी को टाल नहीं सके.
कल प्रधानमंत्री समेत कई मंत्री देखने पहुंचे थे
बुदवार देर शाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिल्ली के एम्स अस्पताल पहुंचे थे. प्रधानमंत्री ने डॉक्टरों से पूर्व पीएम वाजपेयी का हाल जाना और करीब 55 मिनट तक अस्पताल में रहे. प्रधानमंत्री के अलावा केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, सुरेश प्रभु, हर्षवर्धन, जीतेंद्र सिंह, स्मृति ईरानी, अश्वनी कुमार चौबे भी देर रात अटल जी का स्वास्थ्य जानने एम्स पहुंचे. वहीं आज सुबह उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह, केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा, धर्मेंद्र प्रधान और मुख्तार अब्बास नकवी भी एम्स गए थे. बीजेपी नेता और अटल बिहारी वाजपेयी के साथी रहे लाल कृष्ण आडवाणी भी एम्स अस्पताल पहुंचे.
अटल जी के जीवन पर एक नजर
अटल बिहारी वाजयेपी का जन्म 25 दिसबंर, 1924 को गुलाम भारत के ग्वालियर स्टेट में हुआ, जो आज के मध्यप्रदेश का हिस्सा है. दिलचस्प बात ये है कि अटल बिहारी वाजयेपी का जन्म ठीक उसी दिन हुआ, जब राष्ट्रपिता महात्मा गांधी कांग्रेस पार्टी के पहली और आखिरी बार अध्यक्ष बने.
अटल जी के अपनी कोई संतान नहीं
अटल बिहारी वाजयेपी को अपनी कोई संतान नहीं है, लेकिन उन्होंने नमिता कौल को दत्तक पुत्री के तौर पर पाला पोसा है. उनकी दत्तक पुत्री नमिता कौल की शादी रंजन भट्टाचार्य से हुई है.
तीन बार देश के पीएम रहे ‘भारत रत्न’ अटल
बीजेपी के संस्थापक सदस्यों में शामिल वाजपेयी पहली बार साल 1996 में देश के पीएम बने. दूसरी बार साल 1998 में पीएम बने और चुनाव में जीत के बाद तीसरी बार साल 1999 में पीएम बने और साल 2004 तक रहे. साल 2015 में मोदी सरकार ने उन्हें देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से नवाज़ा था. |