भारत-ईरान मिलकर पाकिस्तान के खिलाफ कोई रणनीति तैयार करें

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ईरानी राष्ट्रपति का भारत दौरा हैदराबाद में 15 फरवरी से चालू होगा। वे हैदराबाद की मक्का मस्जिद में शुक्रवार को जुमा की नमाज अदा करेंगे। अगले दिन वह नई दिल्ली में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे। दरअसल भारत-ईरान दोनों ही पाकिस्तान की हरकतों से आजिज आ चुके हैं। ये दोनों देश पाकिस्तान द्वारा आतंकवादियों को पनाह दिए जाने से परेशान हैं।पाकिस्तान के लिए ख़तरा यह है कि व्यापार में भारत-ईरान-अफ़ग़ानिस्तान का सहयोग, रणनीति और अन्य क्षेत्रों में भी बढ़ेगा और इसके पाकिस्तान के लिए नकारात्मक नतीजे निकलेंगे. भारत जब भी किसी पड़ोसी देश या क्षेत्रीय ताकत से दोस्तना संबंध बनाता है या रणनीतिक सहयोग करता है, तो यह पाकिस्तान को प्रभावित करता है. जैसे कि आतंकवाद के मुद्दे पर भारत-ईरान मानते रहे हैं कि उस इलाक़े में जो कुछ भी हो रहा है, उसमें आईसआईएस की भूमिका रहती है.भारत-ईरान मिलकर पाकिस्तान के खिलाफ कोई रणनीति तैयार करें। पिछले साल फरवरी में जब भारतीय सेना ने कश्मीर में आतंकी शिविरों पर सर्जिकल स्ट्राइक किया था, उसी दिन ईरान ने भी पाकिस्तान पर हमला किया था। उस रात भारतीय सेना के कमांडोज ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में घुसकर 38 आतंकी मार गिराए थे। उसी समय पाकिस्तान की पश्चिमी सीमा पर ईरान ने मोर्टार दागे थे। ईरान इसलिए भी पाकिस्तान से नाराज है, क्योंकि दोनों देशों की सीमा पर तैनात ईरान के दस सुरक्षाकर्मियों को 2015 में पाक के आतंकवादियों ने मौत के घाट उतार दिया था। ये मानकर चलिए कि ईरान-पाकिस्तान के बीच संबंध कभी सामान्य नहीं होंगे।

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