बसंत पंचमी: वाणी और ज्ञान की देवी का करें पूजन

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मां सरस्वती की उपासना का पर्व वसंत पंचमी सोमवार को राजधानी में हर्षोल्लास एवं भक्तिभाव के साथ मनाई जा रही है। इस बार वसंत पंचमी पर 14 साल बाद विशेष संयोग बन रहा है। वसंत पंचमी का पर्व अबूझ मुहूर्त के तौर पर जाना जाता है। लेकिन इस बार शुक्र अस्त होने के कारण अबूझ मुहूर्त में भी विवाह नहीं हो सकते हैं।

बता दें कि शास्त्रों में सरस्वती पूजा को बसंत पंचमी को ऋषि पंचमी के नाम से भी जाना जाता है. बसंत पंचमी में फूलों में बहार आ जाती है और खेतों में फसल लहलहाते नजर आते हैं. वसंत पंचमी पूजा छात्रों और कलाकारों के लिए काफी महत्व रखती है. विद्या की देवी सरस्वती की पूजा गणोश जी के साथ जरूर करनी चाहिए।

पूजा के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए ज्योतिषविद् डॉ. श्रीपति त्रिपाठी ने बताया कि मां सरस्वती की आराधना का प्रसिद्ध पर्व एवं सर्वव्यापी पर्व वसंत पंचमी 22 जनवरी सोमवार को मनाया जाएगा स्थान स्थान पर विद्या अनुरागी सरस्वती प्रतिमाओं की स्थापना कर पूजनोत्सव हर्षोल्लास के साथ मनाया जायेगा बागेश्वरी जयंती वाणी पूजा वसंतोत्सव रति काम महोत्सव इस पर्व के मुख्य आकर्षण है आज से बसंत उत्सव प्रारंभ हो जाता है बसंत पंचमी 21 तारीख को दिन में 12:28 से 22 तारीख को 12:00 बजे के 38 मिनट तक है. इस दौरान ही मां की पूजा करें।

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