बरेलवी उलेमाओं ने असादुदीन ओवैसी के बयान पर दी कड़ी प्रतिक्रिया
अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के राष्ट्रीय अध्यक्ष असादुदीन ओवैसी के बयान पर बरेलवी उलेमा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है।
ऑल इंडिया तंजीम उलेमा ए इस्लाम के राष्ट्रीय महासचिव मौलाना शहाबुद्दीन ने ओवैसी के उस बयान पर एतराज जताया है जिसमे ओवैसी ने कहा था कि हमे मस्जिद के लिए पांच एकड़ जमीन की खैरात नहीं चाहिए।
वीओ1- मौलाना शहाबुद्दीन ने कहा कि ओवैसी का अयोध्या मसले से कोई लेना देना नहीं है और वो हैदराबाद की राजनीति करते हैं और वो हैदराबाद की राजनीति करें। वो उत्तर प्रदेश के मुसलमानों को समझाने की कोशिश न करें यहां का मुसलमान खुद समझदार है। ओवैसी नफरत की सियासत करते हैं वो ऐसी बात करते हैं जो हिन्दू मुस्लिम एकता को तोड़ती है। इस लिए मेरी उनसे गुजारिश है कि वो इस तरह की भाषा का प्रयोग न करें।
बाइट- मौलाना शहाबुद्दीन
वीओ2- तन्जी़म उलमा-ए-इस्लाम के महासचिव मौलाना शहाबुद्दीन रज़वी ने प्रेस को जारी एक बयान में कहा कि अयोध्या मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट का जो फैसला आना था वो आ चुका है। दिल्ली में हुई ऑल मुस्लिम संगठनों की बैठक में सभी ने इस बात पर सहमति जताई थी कि सुप्रीम कोर्ट जो फैसला देगा उसकों हम मानेंगे। मगर फैसले के दो दिन बाद मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड अपने मौकफ़ से हटकर असहमति की बात करने लगा, अगर असहमति ही जा़हिर करना थी तो दिल्ली की मिटिंग में बोर्ड के नुमाइंदे ने सहमति का ऐलान क्यों किया था। ओवैसी खुद भी मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य है, हम उनको सलाह देना चाहते हैं कि उत्तर प्रदेश का मुसलमान खुद समझदार और पढा लिखा व जागरूक है उसको भडकाने की कोशिश न करें, हिन्दू और मुसलमानों के दरमियाँन खत्म हो रही नफरत और बढ़ रहे भाई चारे व कौमी एकता को नुकसान न पहुचाये वो हैदराबाद के सांसद है तो सिर्फ वही के लोगों के मसाईल की बात करें। वो आन्ध्र प्रदेश व तेलंगाना हुकूमत की मुसलमानों पर हो रही जुल्म की कभी चर्चा नही करते।
बाइट- मौलाना शहाबुद्दीन
वीओ3- मौलाना शहाबुद्दीन रज़वी ने आगे कहा कि मस्जिद कहाँ बनेगी और उसका स्वरूप क्या होगा इसको तय करने का अधिकार ओवैसी को नहीं है। इसलिए इस पर फिजूल की भाषण बाजी देकर नफरत का माहौल न पैदा करें। सुप्रीम कोर्ट ने मस्जिद कहा बनेगी इसका अधिकार बाबरी मस्जिद के पक्षकार इकबाल अंसारी व हाज़ी महबूब अली को दिया है। ये दोनों लोग कौम और देश के हमदर्द है। यह फैसला इन दोनों लोगों के ऊपर छोड़ दिया जाना चाहिए। इन्होंने दो पुशतो से बड़ी मजबूती के साथ जिला न्यायालय से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक बड़ी मजबूती और जिम्मेदारी के साथ बाबरी मस्जिद का केस लड़ा।
बाइट- मौलाना शहाबुद्दीन