Bareilly-UP : यूनाइटेड बाय यूनिक” विश्व कैंसर दिवस 2025: हर मरीज की अनूठी कहानी
बरेली। हर साल 4 फरवरी को विश्व कैंसर दिवस मनाया जाता है, जिससे कैंसर से जुड़ी चुनौतियों और उसके इलाज की जरूरतों पर ध्यान आकर्षित किया जाता है। वर्ष 2025 का थीम “यूनाइटेड बाय यूनिक” रखा गया है।
इस थीम का उद्देश्य हर मरीज की व्यक्तिगत जरूरतों पर ध्यान देना और मरीज-केंद्रित उपचार को बढ़ावा देना है। कैंसर हर व्यक्ति को अलग तरह से प्रभावित करता है, और हर मरीज की यात्रा अलग होती है। उनके अनुभवों को समझकर हम कैंसर के इलाज को अधिक प्रभावी और संवेदनशील बना सकते हैं।
डॉ. राघव केसरी, सीनियर कंसल्टेंट और हेड, मेडिकल ऑन्कोलॉजी, यथार्थ हॉस्पिटल, ग्रेटर नोएडा का कहना है, “हर कैंसर मरीज की कहानी अलग होती है, और उनकी जरूरतें भी। पर्सनलाइज्ड ट्रीटमेंट से यह सुनिश्चित किया जा सकता है कि मरीज को सबसे उपयुक्त और असरदार इलाज मिले। जब हम मरीजों को केवल एक केस की तरह नहीं, बल्कि एक व्यक्ति के रूप में देखते हैं, तो इलाज के नतीजे बेहतर होते हैं और मरीजों को ज्यादा सहारा मिलता है।”
डायग्नोसिस से लेकर इलाज और रिकवरी तक, हर कैंसर मरीज की यात्रा उनके जेनेटिक कारणों, जीवनशैली, स्वास्थ्य सुविधाओं तक पहुंच और व्यक्तिगत परिस्थितियों पर निर्भर करती है।
“यूनाइटेड बाय यूनिक” कैंसर के उपचार को इस तरह से तैयार करने की आवश्यकता को उजागर करता है, जो हर मरीज की अनूठी जरूरतों के अनुसार हो। पर्सनलाइज्ड केयर में जीन प्रोफाइलिंग के आधार पर टार्गेटेड थेरेपी देना, मरीजों को मानसिक और सामाजिक सहायता प्रदान करना और उनके संपूर्ण स्वास्थ्य पर ध्यान देना शामिल है।
“यूनाइटेड बाय यूनिक” अभियान एक तीन-वर्षीय यात्रा है, जिसका उद्देश्य मरीज-केंद्रित कैंसर देखभाल को बढ़ावा देना है। पहला चरण जागरूकता बढ़ाने पर केंद्रित है, जहां मरीजों की कहानियों को साझा किया जाएगा और कैंसर के विभिन्न प्रभावों पर चर्चा होगी।
इसके बाद के वर्षों में इस पहल का ध्यान मरीजों की जरूरतों को प्राथमिकता देने वाली स्वास्थ्य नीतियों और उपचार व्यवस्थाओं को मजबूत करने पर होगा। इस अभियान का मुख्य संदेश है कि कैंसर केवल एक बीमारी नहीं, बल्कि मरीजों के जीवन से जुड़ी एक जटिल चुनौती है, जिसमें चिकित्सा के साथ-साथ भावनात्मक और सामाजिक सहयोग भी जरूरी है।
तकनीक और टेलीमेडिसिन की मदद से अब मरीजों को अधिक व्यक्तिगत और सुविधाजनक उपचार मिल रहा है। वर्चुअल कंसल्टेशन और ट्रीटमेंट सिफारिशें, ये नए बदलाव कैंसर के इलाज को ज्यादा प्रभावी और मरीजों की जरूरतों के अनुकूल बना रहे हैं।
कैंसर के खिलाफ लड़ाई में मरीजों, परिवारों, डॉक्टरों और नीति निर्माताओं को एकजुट होकर प्रयास करने होंगे। जब हर मरीज की अनूठी यात्रा को महत्व दिया जाएगा और उनके अनुभवों को समझा जाएगा, तो कैंसर के इलाज को और अधिक संवेदनशील और असरदार बनाया जा सकेगा। इस विश्व कैंसर दिवस पर, “यूनाइटेड बाय यूनिक” के संदेश के साथ हम कैंसर मुक्त भविष्य की दिशा में एकजुट हों।
गोपाल चंद्र अग्रवाल संपादक आल राइट्स न्यूज़