Bareilly- चतुर्थ पोषण माह के अंतर्गत राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय शाही द्वारा प्राथमिक विद्यालय लमकन

राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय शाही द्वारा एक शिविर का आयोजन किया गया लमकन के प्राथमिक विद्यालय में जहां पर बच्चों की जांच कर उनका वजन किया गया और उनको योगाभ्यास भी कराया गया
और जिन बच्चों का वजन सामान्य से कम था उनको बेहतर पोषण खाने के साथ और किस तरह जीवन शैली को योगा के साथ निरोगी बनाएं इसके बारे में वहां उपस्थित डॉक्टर बी पी सिंह और डॉक्टर कुसुम बाला और राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय के फार्मईस्ट रामदीन भी उपस्थित रहे जैसा कि डॉक्टर बी पी सिंह से पूछा गया कि यह शिविर क्यों लगाया गया है और इसके क्या फायदे हैं तो उस पर डॉक्टर बीपी सिंह ने जानकारी देते हुए कहा इस शिविर का उद्देश्य बच्चों के अंदर आ रही पोषण की कमी को दूर करना और बच्चों को सही खान पान के बारे में बताना वह बच्चों का निरंतर वजन किया जाना बहुत अहम है जिससे कि बच्चों में बढ़ती उम्र में किसी तरह की कोई बीमारी या कोई भी परेशानी उत्पन्न ना हो वहीं दूसरी तरफ जब डॉक्टर कुसुम बालाजी से जानकारी ली उन्होंने सबसे ज्यादा छात्राओं में दिलचस्पी लेते हुए कहा की छात्राओं को अपने पोषण का बेहद ध्यान रखना चाहिए और साफ सुथरा भोजन का सेवन कर योगा अभ्यास निरंतर करना चाहिए जिससे कि वह स्वस्थ रहें और पढ़ाई में उनका मन पूरी तरह से लगे साथी ही साथ फार्मईस्ट रामदीन जी से पूछने पर यह जानकारी प्राप्त हुई कि उन्होंने बच्चों का वजन लेकर बच्चों को कुछ दवाइयां एवं कुछ आयुर्वेदिक औषधियों के बारे में बताया है और वहां उपस्थित स्कूल की टीचरों सहित और वहां काम करने वाली अन्य महिलाओं को भी वाह विद्यालय अध्यापको को भी दवाई का वितरण किया गया इस मौके पर योग प्रशिक्षक एवं प्रशिक्षिका शिविर में उपस्थित रहे जब विद्यालय की प्रधान अध्यापिका प्रीति देवी से कोविड-19 की गाइडलाइन और विद्यालय में व्यवस्थाओं के बारे में पता किया तो प्रधान अध्यापिका प्रीति देवी ने बताया की उनके स्कूल में फर्नीचर पड़ा हुआ है और सभी बच्चों के लिए सैनिटाइजर मास्क और हैंड वॉश वा सफाई की व्यवस्था बनाई हुई है जैसा कि सरकार की गाइडलाइन का पालन करते हुए विद्यालय में सभी व्यवस्थाओं को सही ढंग से निभाया जा रहा है प्रधान अध्यापिका प्रीति देवी से जब मिड डे मील के बारे में पूछा गया तो उस पर उन्होंने बताया कि मिड डे मील की व्यवस्था उनके विद्यालय में रोज रहती है और इसका हर रोज अलग एक मीनू होता है और बच्चों को खाने के लिए प्लेट और ग्लास को सफाई से साफ किया जाता है उसके बाद ही बच्चों को उसमें खाना परोसा जाता है और एक पंक्ति में बिठाकर सभी बच्चों को खाना खिलाया जाता है.
बरेली से वरिष्ठ संवादाता संगीता सिंह के साथ नीरज सिंह की खास रिपोर्ट

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