Bareilly News : दो महिलाओं की दुखभरी कहानी सुनकर आपका कलेजा भी कांप उठेगा
बरेली। सरकारी योजनाएं जरूरतमंदों को फायदा पहुंचाने के लिए बनाई जाती है…मगर आर्थिक तंगी और भुखमरी से तीन मासूम बच्चों के साथ जूझती दो महिलाओं की दुखभरी कहानी सुनकर आपका कलेजा भी कांप उठेगा,जिन्होंने सरकार के मंत्रियों और सरकारी अफसरों तक गुहार लगाई,मगर किसी ने भी इनकी मदद नहीं की।
इस लाचार और मजबूर परिवार में सविता और उसकी बहिन और 3 मासूम बच्चे हैं…ये परिवार बरेली के थाना सुभाषनगर के वीरभट्टी मोहल्ले के एक मकान के एक कमरे में रह रहा है….इस मकान का एक कमरे को इनकी मजबूरी देखकर मोहल्ले के एक व्यक्ति ने रहने के लिए दे दिया है….सविता के पिता भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान बरेली में ड्राइवर के पद पर तैनात थे और रिटायर्ड हो चुके थे…सविता की बड़ी बहिन की शादी उसके पिता ने जिला बदायूं में कर दी थी जिसके तीन मासूम बच्चे हैं…पति शराबी निकला और वो लगातार सविता की बहिन को मारता पीटता था जिससे तंग आकर वो अपने पिता और बहिन के पास आ गई….2017 में सविता के पिता अचनाज कही लापता हो गए और बहुत तलाश करने पर भी नहीं मिले….पिता के लापता होने के बाद विभाग से मिलने बाली पेंसन भी बंद हो गई…सविता किसी तरह मेहनत मज़दूरी करके अपनी बहिन और उसके बच्चों को पालती रही…और सविता के बीमार होने के बाद सब भूंखमरी के कगार पर आ गए…सविता ने अपनी फ़रियाद सरकार के मंत्रियों और प्रशासन से की मगर कोई मदद नहीं मिली…उसने अपनी व्यथा मुख्यमंत्री को भी पत्र लिखकर बताई…न तो इस परिवार के पास कोई राशन कार्ड है और और न ही रहने को अपनी छत…सविता और उसकी बहिन की जिंदगी में कई ऐसे दिन आये कि उन्हें बगैर कुछ खाये भूँखा सोना पड़ा है…कभी सविता के परिवार को किसी पड़ोसी ने खाने को दे दिया तो ठीक नही तो ये परिवार भूँखा ही सो जाता है….सविता की बहिन का एक बच्चा बहुत बीमार है मगर इलाज के लिए पैसे न होने की बजह से उसका भी इलाज कराने से लाचार हैं।